'फ्रीकी अली' : ठहाके लगाने पर मजबूर करती एक साधारण आदमी के गोल्फ चैंपियन बनने की कहानी

'फ्रीकी अली' :  ठहाके लगाने पर मजबूर करती एक साधारण आदमी के गोल्फ चैंपियन बनने की कहानी

खास बातें

  • 'फ्रीकी अली' के निर्माता, निर्देशक और लेखक सोहेल खान
  • पिछली फिल्मों से जरा हटकर दिखे नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी
  • मधुर संगीत वाली प्रेरक कहानी
मुंबई:

सोहेल खान के प्रोडक्शन के बैनर तले बनी 'फ्रीकी अली' आज रिलीज हुई है. इसके निर्माता-निर्देशक और लेखक हैं सलमान के भाई सोहेल खान. फिल्म में मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं नवाजुद्दीन सिद्दीकी, एमी जैक्सन, सीमा बिस्वास, अरबाज़ खान, जस अरोड़ा और निकितिन धीर ने. वहीं स्पेशल एपियरेंस में आपको नजर आएंगे जैकी श्रॉफ.

फिल्म की कहानी की बात करें तो नवाज़ गरीबी में पले हैं और छोटा-मोटा काम करके अपना गुजारा करते हैं. फिल्म में अली की जो मां बनी हैं उन्होंने अली को जन्म तो नहीं दिया पर मां की तरह पाल-पोसकर बड़ा किया और सगे बेटे की तरह प्यार किया है. उनसे अली बेहद मुहब्बत करता है. अली क्रिकेट बहुत अच्छा खेलता है और शर्त लगाकर वह जिस तरफ चाहे शॉट मार सकता है. उसका यही हुनर उसे ले जाता है गोल्फ कोर्स में जहां अमीरी गरीबी की लड़ाई भी है और अली की मंजिल भी. इसी बीच अली किस तरह गोल्फ की चैंपियनशिप जीतने का लक्ष्य बनाता है...राह पर उसे कितने रोड़े मिलते हैं... इन सभी सवालों के जवाब दर्शकों को सिनेमाघरों में फ्रीकी अली को देखकर मिलेंगे.
 
बात खामियों और खूबियों की
इसे कुछ हद तक कॉमेडी फिल्म कहा जा सकता है. हालांकि फिल्म के कई किरदार ह्यूमर को बनाने में मदद नहीं कर पाते ...मसलन निकितिन धीर और जस अरोड़ा के किरदार जो कभी कॉमेडी टाइमिंग में, तो कभी एक्टिंग में ही मात खाते नजर आते हैं. फिल्म थोड़ी बहुत पुराने ढर्रे पर भी चलती नज़र आती है जहां मुश्किल घड़ी में एक कव्वाली आती है और फिर करिश्मा होता है या कहें नायक नामुमकिन काम को मुमकिन कर देता है. कहानी के इस हिस्से से मुझे परहेज नहीं पर इसे दर्शाने का तरीका कुछ और हो सकता था. फिल्म के कुछ दृश्य सिर्फ कॉमेडी के लिए रखे गए हैं जो कहानी में ढंग से पिरोए जाते तो बेहतर होता.
 
खूबियों की बात करें तो फिल्म की सबसे बड़ी खूबी हैं राज शांडिल्य जिन्होंने धारदार डायलॉग लिखे हैं जिसे नवाज़ुद्दीन बखूबी आपके सामने परोसते दिखेंगे. फिल्म में कई जगह या तो दर्शक लगातार मुस्कुराते दिखे या ठहाके मारते दिखे. लेखन के साथ-साथ नवाज़ुद्दीन की कॉमेडी टाइमिंग और अभिनय दोनों अच्छा लगता है, अगर उनके पिछले कुछ किरदारों से उन्हें अलग करके देखें. अरबाज फिल्म में ठीक हैं, एमी के पास ज्यादा कुछ करने को नहीं था, पर जितना किया ठीक किया. फिल्म के गाने मुझे अच्छे लगे फिर चाहे वह संगीत हो या गानों के बोल. 'फ्रीकी अली' एक प्रेरणा देने वाली कहानी है हालांकि गोल्फ बहुत लोगों को समझ शायद न आता हो, पर आपके मनोरंजन में बाधा नहीं बनता. तो कुल मिलाकर 'फ्रीकी अली' आपका मनोरंजन करेगी.

मेरी ओर से फिल्म को 3 स्टार.


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