विज्ञापन
This Article is From Jun 02, 2017

'दोबारा' फिल्‍म रिव्‍यू: हॉरर फिल्‍म है, लेकिन ज्‍यादा डरा नहीं पाती हुमा कुरैशी और साकिब सलीम की 'दोबारा'

फिल्म की कहानी में नताशा मर्चेट यानी हुमा और कबीर मर्चेट यानी साकिब भाई बहन हैं और लंदन में रहते हैं. यह दोनों 11 साल पहले अलग हो गए थे, लेकिन सालों बाद यह भाई-बहन फिर अपनी मां की हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए फिर से मिलते हैं.

'दोबारा' फिल्‍म रिव्‍यू: हॉरर फिल्‍म है, लेकिन ज्‍यादा डरा नहीं पाती हुमा कुरैशी और साकिब सलीम की 'दोबारा'
फिल्‍म 'दोबारा' का एक सीन.
नई दिल्‍ली: फिल्‍म: दोबारा
डायरेक्‍टर : प्रवाल रमन
कास्‍ट: हुमा कुरैशी, साकिब सलीम, आदिल हुसैन, लीजा रे


इस शुक्रवार रिलीज हुई कई फिल्‍मों में से एक हॉरर फिल्म भी है, जिसका नाम है 'दोबारा'. यह फिल्‍म अंग्रेजी फिल्म ‘ओक्युलस’ की ऑफिशियल हिंदी रीमेक है. इस फिल्म का निर्देशन प्रवाल रमन ने किया है जो इससे पहले 'डरना मना' है और 'डरना जरूरी है' जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुके हैं. फिल्म के कलाकारों की बात करें तो इसमें हुमा कुरैशी पहली बार अपने सगे भाई साकिब के साथ नजर आ रही हैं. इन दोनों के साथ ही फिल्‍म में आदिल हुसैन, लीजा रे और रिया चक्रवर्ती भी नजर आ रहे हैं.

फिल्म की कहानी में नताशा मर्चेट यानी हुमा और कबीर मर्चेट यानी साकिब भाई बहन हैं और लंदन में रहते हैं. यह दोनों 11 साल पहले अलग हो गए थे, लेकिन सालों बाद यह भाई-बहन फिर अपनी मां की हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए फिर से मिलते हैं. उनकी मां की हत्‍या के पीछे हाथ है एक शीशे का क्योंकि इस शीशे में सुपरनेचरल पावर हैं. सभी गुत्थियों को सुलझाने के लिए इन दोनों को इसी शीशे की सुपरनेचरल पावर्स का सामना करना पड़ेगा. लेकिन आखिर यह काम ये दोनों भाई बहन कैसे करेंगे, क्या उनकी मां की हत्या की गुत्थी सुलझ पायेगी और कैसे करेंगे वह सुपरनेचुरल पावर का सामना यह देखने के लिए तो आपको सिनेमाघरों का रुख करना होगा.  

फिल्‍म की खामियों की बात करें तो सबसे पहले बात आती है इसके स्‍क्रीनप्‍ले की. फिल्म के कई सीन्स एक जैसे नजर आते हैं यानी दृश्य रिपीट होते लगते हैं और इससे फिल्म की स्‍पीड धीमी पड़ जाती है. जाहिर है इससे आपको थोड़ी बोरियत हो सकती है. कुछ दृश्यों के फिल्मांकन में भी मुझे थोड़ा हल्कापन लगा और जिसकी वजह से मैं कह सकता हूं की निर्देशक प्रवाल को निर्देशन की लगाम और कसने की जरुरत थी. इन सबके अलावा मुझे लगता है की डायलॉग्‍स पर और ध्यान देने की जरुरत थी क्योंकि डायलॉग्‍स में वो धार नहीं है और वह हल्‍के साबित हुए हैं.

फिल्‍म की खूबियों की चर्चा करें तो इस तरह की फिल्मों मे सबसे अहम होते हैं स्पेशल इफेक्ट्स और बैकग्राउंड स्कोर क्योंकि किसी भी हॉरर फिल्म में डर का माहौल रचने के लिए इन दोनों का ही बेहतरीन होना जरूरी है. जहां तक इस हॉरर फिल्‍म की बात है तो यहां स्‍पेशल इफेक्ट्स अच्छे हैं. साथ ही मैं तारीफ करना चाहूंगा सिनेमेटोग्राफी की बैकग्राउंड स्कोर की, जो काफी अच्‍छे हैं. एक्टिंग की बात करें तो साकिब का काम अच्‍छा है और वो आपको अपने अभिनय से प्रभावित करेंगे. वहीं आदिल हुसैन भी दमदार अभिनय करते नजर आते हैं. हुमा अपने किरदार में ठीक हैं पर शायद उन्हें थोड़ी और मेहनत की जरुरत थी. मेरी तरफ से इस  फिल्म को 2.5 स्टार्स.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com