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स्मिता पाटिल (फाइल फोटो)
पणजी:
‘मंडी’ और ‘निशांत’ जैसी फिल्मों में अभिनेत्री स्मिता पाटिल को निर्देशित करने वाले श्याम बेनेगल निर्देशक श्याम बेनेगल का मानना है कि स्मिता बड़ी ही खूबसूरती से एक किरदार से दूसरे किरदार में अपना कायांतरण कर लेती थीं। पणजी के भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव में आए श्माय बेनेगल का स्मिता पाटिल के साथ काफी पेशेवर रिश्ता था और इन्होंने 'भूमिका' और 'मंथन' में भी एक साथ काम किया था।
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बेनेगल कहते हैं कि उन्होंने स्मिता का चयन इसलिए किया क्योंकि कैमरे को उनसे प्रेम था। वह खुद को बदल लेती थीं। आपके इसके बारे बिना सोचे ही वह कहानी का हिस्सा बन जाती थीं। वह स्वभाविक थीं, वह सहजता से दृश्य कर सकती थीं। कैमरा को उनसे प्रेम था। कैमरा उन्हें देखता था, किसी और को छोड़ कर उन पर केन्द्रित हो जाता था।
स्मिता के अलावा बेनेगल ने अभिनेत्री शबाना आज़मी के साथ भी कई फिल्में बनायी हैं। प्रख्यात फिल्मकार बेनेगल बताते हैं कि पहली बार जब एक भूमिका के लिए शबाना उनके दफ्तर आईं तो वह उनका चेहरा देख कर इस कदर प्रभावित हुये कि उनका पोर्टफोलियो देखे बगैर उन्हें अपनी अगली दो फिल्मों में ले लिया। ‘अंकुर’ ‘हरी-भरी’, ‘अंतरनाद’, ‘सुस्मान’, ‘मंडी’, ‘जुनून’ और ‘निशांत’ में शबाना और श्यान ने एक साथ काम किया है।
पिछले दिनों श्याम बेनेगल तब सुर्खियों का हिस्सा रहे जब उन्होंने फिल्मकारों द्वारा सम्मान वापसी का विरोध जताते हुए कहा था कि राष्ट्र द्वारा दिया गया सम्मान लौटाकर विरोध जताने के इस तरीके से वह सहमत नहीं हैं। इससे पहले बेनेगल ने एफटीआईआई छात्रों का संस्थान के अध्यक्ष गजेंद्र चौहान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पर कहा था कि चौहान का फिल्मी करियर अच्छा नहीं रहा, लेकिन इससे उनकी क़ाबिलियत पर सवाल नहीं उठाए जा सकते। ज़रूरी है कि छात्र, चौहान की क्षमताओं का पता लगाए जिसके बारे में कोई नहीं जानता। बेनेगल संस्था के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं।
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बेनेगल कहते हैं कि उन्होंने स्मिता का चयन इसलिए किया क्योंकि कैमरे को उनसे प्रेम था। वह खुद को बदल लेती थीं। आपके इसके बारे बिना सोचे ही वह कहानी का हिस्सा बन जाती थीं। वह स्वभाविक थीं, वह सहजता से दृश्य कर सकती थीं। कैमरा को उनसे प्रेम था। कैमरा उन्हें देखता था, किसी और को छोड़ कर उन पर केन्द्रित हो जाता था।
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फिल्म 'मंडी' के एक दृश्य में स्मिता पाटिल और शबाना आज़मी
पिछले दिनों श्याम बेनेगल तब सुर्खियों का हिस्सा रहे जब उन्होंने फिल्मकारों द्वारा सम्मान वापसी का विरोध जताते हुए कहा था कि राष्ट्र द्वारा दिया गया सम्मान लौटाकर विरोध जताने के इस तरीके से वह सहमत नहीं हैं। इससे पहले बेनेगल ने एफटीआईआई छात्रों का संस्थान के अध्यक्ष गजेंद्र चौहान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पर कहा था कि चौहान का फिल्मी करियर अच्छा नहीं रहा, लेकिन इससे उनकी क़ाबिलियत पर सवाल नहीं उठाए जा सकते। ज़रूरी है कि छात्र, चौहान की क्षमताओं का पता लगाए जिसके बारे में कोई नहीं जानता। बेनेगल संस्था के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं।
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