हिन्दी सिनेमा में खान और कपूर कलाकारों के दबदबे के बावजूद अपनी मेहनत से फिल्मों में अलग जगह बनाने वाली अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा को इस बात पर गर्व है कि उन्होंने बिना किसी की मदद के सिनेमा में यह मुकाम हासिल किया है।
प्रियंका ने एक खास बातचीत में कहा, मैं बिना किसी की मदद के फिल्मों में आई, मुझे यहां गाइड करने वाला कोई नहीं था। मुझे इस बात पर गर्व है कि मैंने खुद की मेहनत से यह मुकाम हासिल किया है और इस दौरान इतने सालों में काफी मजबूत हुई हूं। प्रियंका की नई फिल्म 'गुंडे' बीती 14 फरवरी को प्रदर्शित हुई है।
हिन्दी सिनेमा जगत में 'देसी गर्ल' के नाम से जानी जाने वाली प्रियंका का जन्म भारतीय सेना के चिकित्सक दंपति के घर में हुआ। साल 2000 में विश्वसुंदरी का ताज जीतने के साथ ही उन्होंने सिनेमा और ग्लैमर की दुनिया में पहला कदम रखा। हिन्दी सिनेमा उनके स्वागत के लिए बांहें फैलाए खड़ा था और 2003 में फिल्म 'अंदाज' से उनको अभिनेत्री के रूप में पहचान मिली।
तब से लेकर अब तक प्रियंका ने अलग-अलग फिल्मों में विभिन्न तरह की भूमिकाएं निभाईं और मेहनत से सिनेमा जगत में आखिरकार अपना मुकाम बना लिया। फिल्म 'फैशन' में मुख्य किरदार के लिए प्रियंका को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से भी नवाजा गया, लेकिन प्रियंका का मानना है कि उन्हें अब भी फिल्मों में काफी दूरी तय करनी है।
'कमीने', 'सात खून माफ' और 'बर्फी' जैसी शानदार फिल्मों में काम कर चुकीं प्रियंका ने कहा, अभी बहुत-सी चीजें करने के लिए बाकी हैं और वह सबकुछ मैं करूंगी। जब तक दर्शक मुझे देखना चाहेंगे, मुझसे मनोरंजन चाहेंगे, मैं नए-नए तरीकों से उनका मनोरंजन करती रहूंगी। मैं एक कलाकार हूं और लोगों का मनोरंजन करना मेरा मकसद है।
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