नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को आदेश दिया कि देशभर के मेडिकल तथा डेंटल कॉलेजों में स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले एक कॉमन एन्ट्रेंस टेस्ट के ज़रिये किए जाएंगे। पहले दौर का टेस्ट 1 मई को तथा दूसरे दौर का टेस्ट 24 जुलाई को होगा।
- केंद्र के प्रस्ताव के अनुसार, नेशनल एलिजिबिलिटी कम एन्ट्रेंस टेस्ट (National Eligibility cum Entrance Test), यानी एनईईटी (NEET) देश के सभी मेडिकल कॉलेजों के लिए कॉमन प्रवेश परीक्षा होगी।
- सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सप्ताह अपने वर्ष 2013 के उस आदेश को रद्द कर दिया था, जिसमें कॉमन परीक्षा को खारिज किया गया था।
- वर्ष 2013 के उस आदेश में इस परीक्षा को आयोजित करवाने के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के अधिकार पर सवालिया निशान लगाया गया था।
- गुरुवार को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन) ने इस शैक्षिक सत्र में यह परीक्षा करवाने का शेड्यूल पेश किया।
- परीक्षा का पहला चरण 1 मई को आयोजित होगा, जिसमें लगभग साढ़े छह लाख परीक्षार्थियों के भाग लेने की उम्मीद है।
- परीक्षा का दूसरा चरण 24 जुलाई को निर्धारित किया गया है, जिसमें ढाई लाख परीक्षार्थी भाग लेंगे।
- दोनों चरणों के परिणाम 17 अगस्त को घोषित किए जाएंगे, तथा प्रवेश प्रक्रिया 30 सितंबर तक खत्म कर ली जाएगी।
- 1 मई को होने वाली परीक्षा ऑल इंडिया प्री-मेडिकल टेस्ट का स्थान लेगी, जो उसी दिन होने वाली थी।
- कॉमन एन्ट्रेंस टेस्ट नहीं होने की वजह से एमबीबीएस और बीडीएस में दाखिले के इच्छुक विद्यार्थियों को कई आवेदन पत्र तैयार करने पड़ते थे, और ढेरों परीक्षाएं देनी पड़ती थीं।
- वर्ष 2013 के आदेश को रद्द करने के फैसले का तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य विरोध करते रहे हैं। कई निजी कॉलेजों ने भी एनईईटी का यह कहते हुए विरोध किया था कि इससे दाखिलों में उनकी स्वायत्तता का हनन होगा।