टेरेसा मे की फाइल फोटो
1990 में आयरन लेडी मार्गरेट थैचर के सत्ता से बाहर होने के तकरीबन ढाई दशक बाद टेरेसा मे ब्रिटेन की प्रधानमंत्री बनी हैं। यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर निकलने के बाद (ब्रेक्जिट) उनको देश के समक्ष मौजूदा संकटों का सामना करना सबसे बड़ी चुनौती है।
- प्रधानमंत्री के तौर पर मारग्रेट थैचर का कार्यकाल पूरा होने के करीब ढाई दशक बाद टेरेसा मे ब्रिटेन में पहली महिला प्रधानमंत्री बनी हैं।
- ब्रेक्जिट मत विभाजन के बाद कंजरवेटिव पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री पद की रेस में सबसे आगे अपनी अपारंपरिक राजनीतिक शैली को लेकर मशहूर रहे और पत्रकार से कंजरवेटिव नेता बने बोरिस जॉनसन (52) का नाम था। उन्होंने 23 जून के जनमत संग्रह में ब्रेक्जिट (ईयू से बाहर निकलने) खेमे का नेतृत्व किया था। लेकिन बाद में उन्होंने पार्टी का नेतृत्व करने से इनकार कर दिया था।
- उसके बाद अंतिम रूप से मुख्य मुकाबला दो महिला राजनेताओं गृह मंत्री टेरेसा मे और ऊर्जा मंत्री आंद्रिया लीडसम के बीच रहा। पार्टी में टेरेसा के पक्ष में बढ़ते समर्थन के बीच 11 जुलाई को ऊर्जा मंत्री आंद्रिया के हटने के बाद टेरेसा का प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया।
- वह 1997 से मेडेनहेड से कंजरवेटिव पार्टी की सांसद हैं।
- उससे पहले 1977-1983 तक बैंक ऑफ इंग्लैंड में भी काम कर चुकी हैं।
- 2002-03 के दौरान वह कंजरवेटिव पार्टी की चेयरमैन भी रहीं।
- 2010 में डेविड कैमरन के नेतृत्व में गठबंधन सरकार के बनने के बाद वह कैबिनेट में होम सेक्रेट्री (गृह मंत्री) रहीं। उस दौरान वह महिला और समानता विभाग की मंत्री भी रहीं। 2012 में उन्होंने महिला और समानता विभाग को छोड़ दिया।
- 2015 के चुनाव में कंजरवेटिव पार्टी के लगातार दूसरी बार सत्ता में आने के बाद उनको फिर से होम सेक्रेट्री चुना गया। इस प्रकार वह इस पद पर पिछले 60 वर्षों में जेम्स सी एड के बाद सबसे ज्यादा समय तक रहने वाली मंत्री रहीं।
- जून में कैमरन के इस्तीफा देने की घोषणा के बाद उन्होंने पार्टी का नेतृत्व संभालने के लिए अपनी दावेदारी पेश की। उसके बाद से उनके पक्ष में समर्थन बढ़ता गया और उनके प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हुआ।
- टेरेसा इस साल के अंत में 60 साल की होने जा रही हैं। वह लिबरल कंजरवेटिव के रूप में जानी जाती हैं।