कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने एक ओपन लेटर भी जारी किया है. इस ओपन लेटर में राहुल गांधी ने लिखा, 'कांग्रेस पार्टी के लिए काम करना मेरे लिए सम्मान की बात थी'. उन्होंने पत्र में 2019 के लोकसभा चुनावों में पार्टी को मिली हार का जिक्र करते हुए लिखा 'अध्यक्ष के नाते हार के लिए मैं जिम्मेदार हूं. इसलिये अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं'. उन्होंने आगे लिखा, पार्टी को जहां भी मेरी जरूरत पड़ेगी मैं मौजूद रहूंगा. ऐसे में नए कांग्रेस अध्यक्ष के नाम को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है. कांग्रेस के कई दिग्गजों के नाम इस लिस्ट में हैं. जिसमें सुशील कुमार शिंदे का नाम प्रमुख है. हालांकि कांग्रेस में नामों की कोई कमी नहीं है. मनमोहन सिंह, एके एंटनी, मोतीलाल वोरा, कर्ण सिंह, मल्लिकार्जुन खड़गे, अहमद पटेल, अंबिका सोनी, गुलाम नबी आजाद, तरुण गोगोई, वीरप्पा मोईली, ओमान चांडी और मीरा कुमार जैसे कई दिग्गज कांग्रेस में हैं. इतना तो तय है कि कांग्रेस को एक नया अध्यक्ष जल्द मिलने वाला है जो गैर गांधी होगा और उसे गांधी परिवार का आशीर्वाद भी प्राप्त होगा.
सुशील कुमार शिंदे से जुड़ी 10 बड़ी बातें
- सुशील कुमार शिंदे कांग्रेस के वरिष्ठ और पुराने नेता हैं. वह भारत के गृहमंत्री और ऊर्जा मंत्री रहे हैं. इसके अलावा महाराष्ट्र के सीएम के रूप में भी उन्होंने सेवाएं दी हैं.
- सुशील कुमार शिंदे का जन्म 4 सितंबर 1941 को महाराष्ट्र के सोलापुर में एक मराठी परिवार में हुआ. उन्होंने सोलापुर के दयानंद कॉलेज से आर्ट्स में ऑनर्स किया और शिवाजी यूनिवर्सिटी से एलएलबी किया.
- शिंदे ने अपने करियर की शुरुआत सोलापुर के सेशन कोर्ट में बतौर चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी के तौर पर की थी. उन्होंने यहां 1957 से 1965 तक काम किया. बाद में वह महाराष्ट्र स्टेट पुलिस में कॉन्सटेबल रहे. उन्होंने राज्य सीआईडी में भी 6 साल तक बतौर सब इंस्पेक्टर सेवाएं दीं.
- सुशील कुमार शिंदे की शादी 1970 में हुई. उनकी पत्नी का नाम उज्जवला शिंदे है और उनके तीन बेटियां हैं.
- 1971 में शिंदे कांग्रेस पार्टी के सदस्य बने. उन्होंने 1974, 1980, 1985, 1990, 1992, 2003 और 2004 में विधानसभा चुनावों और उपचुनावों में जीत हासिल की.
- 1992 से 1998 तक वह महाराष्ट्र से राज्यसभा के सदस्य रहे. 1999 में उन्होंने सोनिया गांधी के लिए यूपी के अमेठी में कैंपेन मैनेजर की भूमिका निभाई.
- 30 October 2004 को शिंदे को आंध्र प्रदेश का गवर्नर बनाया गया. 2006 में वह दोबारा महाराष्ट्र से राज्यसभा के लिए चुने गए. यह चुनाव निर्विरोध हुआ.
- प्रणव मुखर्जी जब राष्ट्रपति बने तब सुशील कुमार शिंदे को लोकसभा का नेता बनाया गया. शिंदे के गृहमंत्री पद पर रहने के दौरान ही अफजल गुरू और अजमल कसाब को फांसी दी गई थी.
- 2014 के लोकसभा चुनाव में शिंदे कांग्रेस पार्टी के नॉमिनी थे. हालांकि वह बीजेपी उम्मीदवार शरद बानसोडे से चुनाव हार गए थे.
- 2019 के लोकसभा चुनाव में शिंदे ने महाराष्ट्र के सोलापुर से चुनाव लड़ा लेकिन इस बार भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा. उन्हें बीजेपी उम्मीदवार जय सिद्धेश्वर शिवाचार्य महास्वामी ने हराया.