श्री श्री का कार्यक्रम : पर्यावरण मंजूरी की जरूरत क्यों नहीं है? एनजीटी ने मंत्रालय से पूछा

श्री श्री का कार्यक्रम : पर्यावरण मंजूरी की जरूरत क्यों नहीं है? एनजीटी ने मंत्रालय से पूछा

नई दिल्ली: श्री श्री रविशंकर के आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के 35 साल पूरे होने के मौके पर यमुना के किनारे आयोजित किये जा रहे तीन दिवसीय ‘विश्व संस्कृति महोत्सव’ को रद्द कराने की मांग वाली याचिकाओं पर एनजीटी में सुनवाई जारी है और मंगलवार को भी कोई फैसला नहीं हो सका। मामले पर बुधवार को भी सुनवाई जारी रहेगी।

मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :

  1. एनजीटी ने केंद्र से सवाल किया कि यमुना के जल ग्रहण क्षेत्र में अस्थायी ढांचे के निर्माण के लिए पर्यावरण मंजूरी की जरूरत क्यों नहीं है। सेना द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए पंटून पुल का निर्माण एनजीटी की जांच के दायरे में।

  2. डीडीए ने श्री श्री रविशंकर के आर्ट ऑफ लिविंग उत्सव को इजाजत देने के अपने फैसले का समर्थन किया। आर्ट ऑफ लिविंग ने कहा कि उसने सभी शर्तों का पालन किया और कार्यक्रम के लिए तमाम जरूरी मंजूरी दी।

  3. यमुना किनारे आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर के वर्ल्ड कल्चर फेस्टिवल के आयोजन के खिलाफ नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में सुनवाई के दौरान श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि इस आयोजन के लिए एक भी पेड़ नहीं काटा गया है। वहीं दिल्ली सरकार ने कहा कि उन्होंने इस आयोजन के लिए न ही पुलिस और न ही फायर सेफ्टी क्लियरेंस दी है।

  4. इस मामले में श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि हमें वातावरण को प्रदूषित नहीं करना चाहिए। मैंने अपने क्षेत्र में कभी भी पेड़ काटने नहीं दिया।

  5. वहीं डीडीए ने कहा कि ऐसा नहीं है कि यह कार्यक्रम होगा तो 'आसमान गिर जाएगा'। हमें यह देखना है कि इस क्षेत्र की यथास्थिति बनाए रखने के लिए क्या कर सकते हैं, हालांकि अब हम इस कार्यक्रम की दहलीज पर हैं।

  6. हालांकि पर्यावरणविदों का कहना है कि इस कार्यक्रम से यमुना की नाजुक स्थिति को गंभीर नुकसान हो सकता है और इससे यमुना को अपरिवर्तनीय क्षति हो सकती है। तीन मोबाइल टावरों को लगाया गया है।

  7. श्रीश्री रविशंकर की आर्ट ऑफ लिविंग संस्था ने सभी आरोपों को नकारा है। उनका कहना है कि इस कार्यक्रम को लेकर आवश्यक सभी अथॉरिटी से इजाजत से ली गई है। यह आयोजन विश्व में शांति को बढ़ावा देने के लिए हो रहा है। हमने इस कार्यक्रम के लिए इको फ्रेंडली मैटिरियल जैसे लकड़ी, मिट्टी, कपड़े का इस्तेमाल किया गया है।

  8. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इस कार्यक्रम में शिरकत करने से इनकार कर दिया है। माना जा रहा है कि यह फैसला आयोजन की जगह पर लगतार उठ रहे विवाद के बाद लिया गया है।

  9. दिल्ली में यमुना किनारे होने वाले आर्ट ऑफ लिविंग के कार्यक्रम में सेना से पंटून पुल बनवाने को लेकर विवाद हो गया है। अब तक सेना एक पुल बना चुकी है और दूसरा पुल बनाने का काम चल रहा है। संभावना है कि सेना तीसरा पुल भी बना सकती है।

  10. आर्ट ऑफ लिविंग के श्रीश्री रविशंकर ने कहा है कि सब कुछ कानून के मुताबिक ही किया जाएगा। NDTV से बातचीत में उन्होंने कहा कि उनका मकसद यमुना को गंदा करना नहीं बल्कि यमुना की सफ़ाई है। आर्ट ऑफ लिविंग यमुना नदी को साफ करने में सबसे आगे है। कार्यक्रम का मकसद नदी को साफ करना है, गंदा करना नहीं।