Sri Lanka में 9 अप्रेल से प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग कर रहे थे
Sri Lanka Crisis: श्रीलंका सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों (Anti-Government Protest) के गुस्से की आग में जल रहा है. गुस्साई जनता ने राजपक्षे परिवार (Rajpaskhe Family) की सरकारी ही नहीं पैतृक और पारिवारिक संपत्ति पर भी हमला किया और आग (Arson) लगा दी. इस दौरान एक लैंबॉर्गिनी गाड़ी (Lamborghini Car) भी स्वाहा हो गई.
श्रीलंका में हुई सरकार विरोधी हिंसा की ये रहीं बड़ी घटनाएं...
- प्रदर्शनकारियों ने महिंदा राजपक्षे के प्रधानमंत्री आवास टेंपल ट्री में तो आग लगा ही दी, राजपक्षे संग्राहलय भी तोड़ डाला. सत्ताधारी राजपक्षे के परिवार के पैतृक गांव मेदा मुलाना गांव में भीड़ ने राजपक्षे संग्राहलय पर हमला बोल दिया और उसे ज़मीदोज़ कर दिया. यहां राजपक्षे भाइयों के माता-पिता की दो मोम की मूर्तियां भी थीं, जिसे भीड़ ने तोड़ डाला, और राजपक्षे परिवार के पैतृक घर को भी भीड़ ने नहीं छोड़ा.
- उत्तरी-पश्चिमी कस्बे कुरुनेगला में राजपक्षे परिवार के राजनैतिक दफ्तर को भी आग के हवाले कर दिया गया.
- महिंदा राजपक्षे के बच्चों के करीबी साथी के मालिकाना हक वाले एक होटल को भी आग लगा दी गई. इस होटल में एक खड़ी लैंबॉर्गिनी कार भी आग के हवाले कर दी गई. पुलिस का कहना है कि सभी विदेशी मेहमान सुरक्षित हैं.
- वहीं राजधानी कोलंबो में नेशनल हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने झड़प में घायल सरकार समर्थकों को बचाने के लिए बीच-बचाव किया जो राजपक्षे परिवार के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों में घायल हो गए थे.
- अस्पताल की इमरजेंसी यूनिट का रास्ता रोक रही भीड़ से एक डॉक्टर ने चिल्लाकर कहा- "वो शायद खूनी हो सकते हैं, लेकिन हमारे लिए मरीज हैं जिनका पहले इलाज किया जाना चाहिए."
- कोलंबो के केवल नेशनल अस्पताल में 219 को दाखिल करवाया गया. इनमें से 5 का इंटेन्सिव केयर यूनिट में इलाज चल रहा है. अस्पताल प्रवक्ता पुष्पा सोयसा ने AFP को बताया. सरकारी कर्मचारियों को अस्पताल के भीतर ले जाने के लिए सैनिकों को अस्पताल के बाहर भीड़ द्वारा लगाया ताला बलपूर्वक तोड़ना पड़ा.
- गुस्साई सरकार विरोधी भीड़ ने प्रधानमंत्री आवास के पास की छिछली बीरा झील में दर्जनों सरकार समर्थकों को धक्का दे दिया.
- एक वयक्ति ने कहा, " मैं इसलिए आया क्योंकि मुझे महिंदा से काम मिला था, उन्होंने बेहद प्रदूषित इस झील से बाहर निकलने की अनुमति दिए जाने के लिए मुझसे प्रार्थना की थी." सोमवार देर रात पुलिस ने दर्जनों व्यक्ति को उस आदमी के साथ झील से निकाल कर अस्पताल में भर्ती करवाया.
- राजपक्षे परिवार के विश्वस्नीय लोगों के छ वाहन,जिनमें दो बसें भी शामिल थीं, प्रदर्शनकारियों ने झील में डुबो दीं. सोमवार सुबह जिन बसों में राजपक्षे परिवार के समर्थक विरोध प्रदर्शनकारियों पर हमला करने पहुंचे थे, उन बसों में आग लगा दी गई और देश भर में दर्जनों बसों को नुकसान पहुंचाया गया.
- महाराजम्मा कस्बे में भीड़ ने सरकार समर्थक समूह के एक नेता को बस से बाहर खींकर निकाला और उसे कचरे की गाड़ी में डाल दिया, और फिर उस गाड़ी पर बुलडोज़र चढ़ा दिया.