नई दिल्ली:
विपक्षी दलों के नेताओं ने कहा है कि वे संसद में समझौते को लेकर सरकार से उसी सूरत में बातचीत करेंगे, अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं विपक्षी दलों की बैठक आहूत करें.
- केंद्र सरकार ने गुरुवार सुबह कहा कि उसने 500 और 1,000 रुपये के नोटों को अचानक बंद कर दिए जाने के विरोध में संसद में जारी गतिरोध को खत्म करने को लेकर चर्चा के लिए विपक्षी दलों को औपचारिक रूप से आमंत्रित नहीं किया है.
- पिछले कई दिन से विपक्ष रोज़ाना संसद की कार्यवाही को बाधित कर रहा है, और उसकी मांग है कि अपने कदम को लेकर स्पष्टीकरण देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्वयं दोनों सदनों को संबोधित करना चाहिए.
- अब तक प्रधानमंत्री इस पर सहमत नहीं हुए हैं, हालांकि बुधवार को वह लोकसभा में मौजूद रहे, जहां सरकार के पास स्पष्ट बहुमत है. सूत्रों का कहना है कि विपक्ष को मनाने के लिए वह गुरुवार को राज्यसभा की कार्यवाही में शामिल हो सकते हैं, जहां सरकार के पास बहुमत नहीं है.
- गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कथित रूप से विपक्षी दलों से गुरुवार को मुलाकात करने का आग्रह किया था, ताकि समझौते की रूपरेखा तय की जा सके.
- इसे स्वीकार करने के स्थान पर कांग्रेस के गुलाम नबी आज़ाद ने उसी वक्त पर विपक्षी दलों की बैठक आहूत कर ली. केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने हालांकि कहा कि इसे आग्रह ठुकराना नहीं कहा जा सकता, क्योंकि मुलाकात के लिए कोई औपचारिक आग्रह नहीं किया गया था.
- गुरुवार को प्रधानमंत्री को राज्यसभा में उन मंत्रालयों से जुड़े सवालों के जवाब देने हैं, जिनका प्रभार उन्हीं के पास है.
- सरकार का कहना है कि नोटबंदी को लेकर सरकार का रुख वित्तमंत्री अरुण जेटली पेश करेंगे.
- प्रधानमंत्री ने बुधवार शाम को अपने कैबिनेट को बताया कि उनकी ऐप के ज़रिये किए गए सर्वे में रिकॉर्ड लोगों ने भाग लिया, और साबित हुआ कि जनता काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाए गए इस कदम का समर्थन कर रही है.
- विपक्ष का कहना है कि सर्वे में ग्रामीण भारत में रहने वालों लाखों-करोड़ों भाग नहीं ले पाए, और विपक्षी दलों का यह भी आरोप है कि सर्वे में पूछे गए सवाल इस तरह बनाए गए थे, ताकि उनके जवाब सकारात्मक ही आएं.
- 18 दिसंबर तक चलने वाले इस शीतकालीन सत्र में सरकार को कई महत्वपूर्ण बिल पास करवाने हैं. सरकार को उम्मीद है कि वह अपने बेहद महत्वपूर्ण जीएसटी बिल से जुड़े दो बिलों को भी पारित करवा पाएगी, ताकि जीएसटी को अप्रैल, 2017 की डेडलाइन तक लागू करवाया जा सके.