नीतीश कुमार विपक्षी एकता को मजबूत करने के लिए दूसरे राज्यों का भी दौरा कर सकते हैं.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज दिल्ली के दौरे पर आ रहे हैं, जो कि तीन दिन का होगा. विपक्ष को एकजुट करने की मुहिम के तहत नीतीश कुमार ये दौरा कर रहे हैं और इस दौरान ये कई विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात करने वाले हैं.
पिछले ही महीने भाजपा का साथ छोड़कर नीतीश ने राजद और कांग्रेस आदि पार्टियों के साथ गठजोड़ करके राज्य में महागठबंधन की नयी सरकार बनायी है. बीजेपी से रिश्ता तोड़ने के बाद आज पहली बार नीतीश कुमार दिल्ली आ रहे हैं.
उम्मीद है कि सोमवार को शाम तक वो दिल्ली पहुंच जाएंगे. तीन दिनों के दौरे में नीतीश कुमार कांग्रेस नेता राहुल गांधी और शरद पवार जैसे विपक्षी नेताओं से मिल सकते हैं.
संभावना है कि 6 सितंबर को नीतीश कुमार और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मुलाकात हो सकती है. साथ ही आम आमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल से भी वह मिल सकते हैं.
नीतीश कुमार की यह मुलाकात पहले कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी से होनी थी. लेकिन मां का निधन होने की वजह से सोनिया गांधी देश में नहीं हैं.
दिल्ली आने से पहले नीतीश कुमार साफ कर चुके है कि उनकी कोशिश रहेगी कि आपसी मतभेद भुलाकर विपक्षी एकता को मजबूत करना हैं.
इससे पहले तेलगांना के मुख्यमंत्री केसीआर पटना जाकर नीतीश कुमार मिल चुके हैं और कह चुके है कि अब देश को बीजेपी मुक्त करने की जरूरत है.
कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार विपक्षी एकता को मजबूत करने के लिये दूसरे राज्यों का भी दौरा कर सकते हैं.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए रविवार को कहा था कि ‘जो उसके साथ हैं, वे ‘‘सदाचारी'' और जो लोग इसकी नीतियों के खिलाफ बोलते हैं उनपर ‘‘भ्रष्टाचारी'' होने का आरोप लगा देती है.'
वहीं लोकसभा चुनाव में एकजुट विपक्ष द्वारा भारतीय जनता पार्टी को महज 50 सीटों पर समेटे जा सकने के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दावे को भाजपा ने रविवार को हास्यास्पद बताया.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के शीर्ष नेता नीतीया कुमार का मज़ाक बनाते हुए कहा, ‘‘उन्हें अब ना गंभीरता से लिए जाने की जरुरत है और नाहीं जनता ले रही है.''