सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) ने आज फैक्ट-चेकर ( Fact Checker) मोहम्मद जुबैर को रिहा करने का आदेश दिया. गौरतलब है कि उन्हें पिछले महीने एक ट्वीट के लिए गिरफ्तार किया गया था. कुछ शिकायतकर्ताओं ने इस ट्वीट को हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला बताया था. बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जुबैर को आज शाम 6 बजे तक रिहा किया जाना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 5 अहम बातेः
उत्तर प्रदेश सरकार ( UP Government) द्वारा मोहम्मद जुबैर को ट्वीट (Tweet) करने से रोकने की याचिका पर न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा, "यह एक वकील को आगे बहस न करने के लिए कहने जैसा है. आप एक पत्रकार को कैसे बता सकते हैं कि वह लिख नहीं सकता?"
न्यायाधीश ने कहा, "अगर वह कुछ ऐसा करता है जिससे कानून का उल्लंघन होता हो तो वह कानून के प्रति जवाबदेह होगा. लेकिन जब वह अपनी आवाज उठा रहा हो तो हम उसके खिलाफ अग्रिम कार्रवाई कैसे कर सकते हैं?"
अदालत ने कहा, "यह पाया गया है कि दिल्ली पुलिस ने लगातार ही इस मामले की जांच की है, इसलिए हमें उसकी स्वतंत्रता को और रोकने की कोई वजह दिखाई नहीं देता."
इसमें कहा गया है, "यह कानून का एक निर्धारित सिद्धांत है कि गिरफ्तारी की शक्ति का संयम से पालन किया जाना चाहिए. मौजूदा मामले में, उसे लगातार हिरासत में रखने का कोई औचित्य नहीं है."
अदालत ने अपने आदेश में कहा, "याचिकाकर्ता के प्रति निष्पक्ष होने के लिए जरूरी है कि पूरी जांच और प्राथमिकी(FIRs) को मिला दिया जाए."