महाराष्ट्र विधानसभा में सोमवार को राज्य के नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अपनी ताकत साबित करेंगे.
महाराष्ट्र विधानसभा में सोमवार को राज्य के नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अपनी ताकत साबित करेंगे. राज्यपाल के आदेश के अनुसार विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र के दूसरे दिन यानी आज फ्लोर टेस्ट होगा, जिसमें एकनाथ शिंदे को ये साबित करना होगा कि वे बहुमत से सरकार में हैं. इधर, महाराष्ट्र विधानसभा के विशेष सत्र में एकनाथ शिंदे के फ्लोर टेस्ट से पहले टीम ठाकरे के एक और विधायक उनके खेमे में शामिल हो गए. ऐसे में अब टीम शिंदे में 40 शिवसेना विधायक हो गए हैं. मिली जानकारी अनुसार कल देर रात विधायक संजय बांगर ताज प्रेसिडेंसी होटल पहुंचे थे. वहीं वो एकनाथ शिंदे गुट में शामिल हुए.
महाराष्ट्र में जारी सियासी घटनाक्रम
- महाराष्ट्र विधानसभा में सीएम एकनाथ शिंदे के फ्लोर टेस्ट के बाबत अब थोड़ी देर में वोटिंग शुरू होगी. एकनाथ शिंदे का समर्थन करने वाले विधायक स्पीकर के दाईं ओर विरोध करने वाले बाईं ओर बैठेंगे. जो विधायक वोट नहीं देना चाहते वे खड़े हो सकते हैं.
- सियासी उठा पटक के बीच उद्धव ठाकरे खेमे ने भरत गोगावाले को शिवसेना के सचेतक के रूप में मान्यता देने के विधानसभा स्पीकर के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. वरिष्ठ वकील एएम सिंघवी ने तत्काल सुनवाई के लिए एससी के समक्ष उल्लेख किया है. हालांकि, एससी मुख्य मामले के साथ 11 जुलाई को उद्धव ठाकरे खेमे की याचिका पर सुनवाई करेगा.
- गौरतलब है कि कल हुए विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव में शिंदे गुट और बीजेपी के संयुक्त उम्मीदवार राहुल नार्वेकर को कुल 164 वोट मिले. जबकि उद्धव खेमे के उम्मीदवार राहुल साल्वे के पक्ष में 107 वोट ही पड़े. ऐसे में तस्वीर साफ है.
- महाराष्ट्र विधानसभा में कुल सदस्यों की संख्या 288 है, जिसमें से एक विधायक का निधन हो चुका है. वहीं, शिवसेना के 39 बागी सदस्यों को निकालने के बाद कुल सदस्यों की संख्या 248 हो जाती है, जिसके बाद बहुमत का आंकड़ा 125 रह जाता है.
- स्पीकर के चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार राहुल नार्वेकर को 164 वोट मिले हैं. अगर इनमें से 39 सदस्यों के वोट घटा दिए जाएं तो भी आंकड़ा 125 आता है.
- ऐसे में अगर वोटिंग में हिस्से ना लेनी वाली पार्टियां सपा, एआईएमआईएम और सीपीएम के विधायक और जेल में बंद एनसीपी विधायक अनिल देशमुख और नवाब मलिक भी उद्धव गुट के पक्ष में वोट डालते हैं, तो भी उनकी संख्या 125 तक नहीं पहुंच पाएगी.
- इधर, महाराष्ट्र विधानसभा में एकनाथ शिंदे सरकार के बहुमत परीक्षण से एक दिन पहले उद्धव ठाकरे धड़े को बड़ा झटका देते हुए रविवार रात को महाराष्ट्र विधानसभा के नवनियुक्त अध्यक्ष ने शिवसेना विधायक अजय चौधरी को पार्टी विधायक दल के नेता पद से हटा दिया.
- विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के कार्यालय द्वारा जारी पत्र में शिंदे को शिवसेना के विधायक दल के नेता के रूप में बहाल किया गया और ठाकरे गुट से संबंधित सुनील प्रभु को हटाकर शिंदे खेमे के भरत गोगावले को शिवसेना के मुख्य सचेतक के रूप में नियुक्त किया गया.
- इस बीच, शिवसेना (उद्धव खेमा) ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को अदालत में चुनौती दी जाएगी. शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता और सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि वे इस ‘‘असंवैधानिक'' फैसले को अदालत में चुनौती देंगे.
- सावंत ने कहा, ‘‘लोकसभा के पूर्व महासचिव पी.डी.टी. अचारी ने व्यवस्था दी है कि पार्टी नेता (प्रमुख) को उस पार्टी के विधायक दल के नेता को नियुक्त करने का अधिकार है. आप कैसे कह सकते हैं कि वह (एकनाथ शिंदे) पार्टी के (विधायक दल) के नेता हैं?'' उन्होंने कहा, ‘‘हम इस फैसले को अदालत में चुनौती देंगे. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. निर्णय रविवार देर रात को लिया जाता है जो दर्शाता है कि यह फैसला किस तरह लिया गया.'