महेंद्र सिंह धोनी से पहले टीम इंडिया में 'मिस्टर कूल' कहे जाने वाले अनिल कुंबले टीम इंडिया के नए कोच बन गए हैं। बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने गुरुवार शाम को धर्मशाला में कुंबले को चुने जाने की घोषणा की।
जानते हैं वे बातें जो 'जंबो' कुंबले के पक्ष में गईं..
पूर्व कोच दक्षिण अफ्रीका के गैरी कर्स्टन की ही तरह अनिल कुंबले की पहचान भी परदे के पीछे से काम करने वाले वाले शख्स के रूप में रही है। वे मीडिया के बजाय खिलाड़ियों के बीच अपने विचार व्यक्त करने में यकीन रखते हैं। कोच पद के लिए BCCI को ऐसे ही शख्स की जरूरत थी।
कुंबले को क्रिकेट छोड़े हुए ज्यादा वक्त नहीं हुआ है। वर्ष 2008 में ही उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लिया था। मौजूदा टीम के महेंद्र सिंह धोनी, इशांत शर्मा और हरभजन सिंह जैसे खिलाड़ी उनके साथ खेल चुके हैं। इस लिहाज से मौजूदा टीम इंडिया के खिलाड़ी उनके साथ ज्यादा बेहतर महसूस कर सकते हैं।
कर्नाटक के अनिल कुंबले की पहचान एक 'बोर्न लीडर' के रूप में हैं। वे अपनी बात संयत शब्दों में लेकिन दृढ़ता से पेश करने में यकीन रखते हैं।
कुंबले खेल की अच्छी समझ रखते हैं। अपने संतुलित व्यवहार से वे विदेशों में टीम इंडिया के ब्रांड एंबेसडर साबित हो सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज के दौरान एंड्रयू साइमंड्स और हरभजन सिंह के बीच हुए बहुचर्चित विवाद के समय कुंबले की टीम इंडिया के कप्तान थे। इस मसले को उन्होंने जिस तरीके से हेंडल किया था, उसने हर कोई प्रभावित हुआ था।
उनकी उम्र अभी महज 45 वर्ष है। खिलाड़ी के रूप में वे टीम इंडिया के लिए कई कामयाबियां हासिल कर चुके हैं। यदि वे कोच के रूप में भी सफल रहते हैं तो टीम इंडिया के लिए इस नए रोल में लंबी पारी खेल सकते हैं।
कुंबले दुनिया के महान स्पिन गेंदबाज रहे हैं। इंटरनेशनल क्रिकेट में 900 से ज्यादा विकेट उनके नाम पर हैं। इस लिहाज से युवा भारतीय स्पिनरों को 'गाइड' करने में वे अहम भूमिका निभा सकते हैं। ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह तो अपनी गेंदबाजी को बेहतर बनाने में कुंबले के योगदान का जिक्र कई मौकों पर कर चुके हैं।
कुंबले को एक साल के लिए टीम इंडिया का कोच बनाया गया है। वे वेस्टइंडीज में जुलाई-अगस्त में होने वाली टेस्ट सीरीज से नई जिम्मेदारी संभालेंगे। कोच के रूप में उनका चयन सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण की तीन सदस्यीय समिति ने किया। पूर्व बीसीसीआई सचिव संजय जगदाले समिति के कोआर्डिनेटर थे।