भारतीय वायु सेना(आईएएफ) ने केरल के बारिश प्रभावित इलाके में राहत व बचाव अभियान के लिए पांच एन-32 परिवहन विमान, दो एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर और एक उन्नत हल्का हेलीकॉप्टर(एएलएच) तैनात किया है. आईएएफ के एक प्रवक्ता ने कहा, "पांच एन-32 परिवहन विमानों को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल(एनडीआरएफ) की टीम व उनके सामानों को अरक्कोनम से कालीकट ले जाने के लिए तैनात किया गया है." प्रवक्ता ने कहा, "एनडीआरएफ की दो टीम को विजयवाड़ा और आर्मी इंजीनियर ग्रुप की दो टीम को बेंगलुरु व हैदराबाद से कालीकट भेजा गया है. "उन्होंने कहा कि एमआई-17 वी5 को राहत सामग्रियों के वितरण के लिए तैनात किया गया है. प्रवक्ता ने कहा, "आईएएफ स्थिति के सामान्य होने तक सहायता करना जारी रखेगा." राज्य में पिछले 48 घंटों में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण कुल 37 लोगों की मौत हो चुकी है. 31 हजार से अधिक लोग राहत शिविर में रहने को मजबूर हैं.
10 बड़ी बातें
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह रविवार को केरल के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे. मंत्रालय ने अपने बयान में शुक्रवार को यह जानकारी दी. राज्य में पिछले 48 घंटों में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण कुल 37 लोगों की मौत हो चुकी है. राज्य के एक बड़े हिस्से में बाढ़ और भूस्खलन के कारण मुख्य सड़कें बंद हो गई हैं, जिसके कारण गृहमंत्री ने यह दौरा करने का निर्णय लिया.
राजनाथ ने मुख्यमंत्री पिनरई विजयन से फोन पर बात की और राज्य की स्थिति की जानकारी ली. उन्होंने मुख्यमंत्री को केंद्र की ओर से हर संभाव मदद देने का आश्वासन दिया. केरल के कई जिलों में बुधवार से भारी बारिश हो रही है.
इडुक्की में लगातार भारी बारिश के चलते अधिकारियों को मजबूरन इदमलयार बांध के बाकी दो द्वार भी खोलने पड़े. भारी बारिश के चलते राज्य में हुई विभिन्न घटनाओं में मृतकों की संख्या 37 तक पहुंच गई है.मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि बाढ़ से ग्रस्त राज्य के अन्य हिस्सों में बारिश में कमी हुई है.
चूंकि इसके पहले बांध 1992 में खोला गया था, इसलिए नदी के तट पर काफी अतिक्रमण हो गया है. इस क्षेत्र में कृषि गतिविधियां होने लगी हैं और घर बन गए हैं. एहतियात के तौर पर नदी के किनारे रहने वाले लगभग 200 परिवार पहले ही अपने घर खाली कर चुके हैं.
पानी एर्नाकुलम और त्रिशूर जिले के कुछ हिस्सों तक पहुंचने के लिए तैयार है और इन दो स्थानों में जिला प्रशासन हाई अलर्ट पर है. बांध का जलस्तर गुरुवार को जब 2,399 मीटर के पार हो गया तो 26 वर्षों के अंतराल के बाद एक द्वार खोला गया था. शुक्रवार सुबह अधिकारियों को दो और द्वार खोलने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि पानी का स्तर 2,401 मीटर तक पहुंच गया था.
लेकिन बांध के आसपास के क्षेत्र में भारी बारिश जारी रहने के कारण अधिकारियों को मजबूरन बाकी दो और द्वार भी खोलने पड़े.
इससे पहले इडुक्की के रहने वाले केरल के ऊर्जा मंत्री एम.एम. मणि ने मीडिया को यहां बताया कि इदमलयार बांध के दो और द्वार खोलने का फैसला जलस्तर को 2,403 मीटर तक पहुंचने से रोकने लिए लिया गया.
मणि ने कहा, "यह कोई मुद्दा नहीं है, क्योंकि हम जल्द ही द्वार बंद करने की योजना बना रहे हैं। हमें विश्वास है कि स्थिति नियंत्रित की जा सकती है."
राज्य के राजस्व मंत्री ई.चंद्रशेखरन एनार्कुलम में स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने कहा कि हालात नियंत्रण में है. सेना की पांच टीमें इडुक्की, वायनाड, कोझिकोड, मलप्पुरम में नुकसान की भरपाई में जुटी हुई हैं.
अधिकारियों ने फैसला किया है कि सभी पांच द्वार खोलने का निर्णय निर्दिष्ट समय के लिए होगा. राज्य के कई जिलों में राहत व बचाव कार्यों पहले से ही सेना जुटी हुई है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)