खास बातें : पीएम मोदी ने राज्यसभा में चुटकी ली, कहा- कांग्रेस को 'मृत्यु की तरह' वरदान मिला हुआ है

खास बातें : पीएम मोदी ने राज्यसभा में चुटकी ली, कहा- कांग्रेस को 'मृत्यु की तरह' वरदान मिला हुआ है

राज्यसभा में पीएम नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली: आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट सेशन की शुरुआत में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर आज राज्यसभा में धन्यवाद भाषण दिया। प्रधानमंत्री ने सदन को सही तरीके से चलाने के लिए विपक्ष का धन्यवाद दिया।

पीएम मोदी के भाषण के मुख्य अंश...

  1. प्रश्नकाल अपने आप में सदस्यों की अपनी संपत्ति की तरह है। महत्वपूर्ण विषयों पर सरकार को कठघरे में खड़ा करना.. जैसी कई बातों के लिए सबसे ताकतवर समय है यह प्रश्नकाल।

  2. सरकार को सजग रखने के लिए प्रश्नकाल अहम है। यही लोकतंत्र की ताकत है। ससंद चलने की वजह से सबको बोलने का समय मिला। देर तक काम करने के बाद भी सभी खुश दिखे।

  3. सरकार नीतियों के आधार पर चले, इस पर जोर हो। हमने सत्ता के विकेंद्रीकरण की दिशा में अहम कदम उठाए। हमें क्वांटन जंप की तरफ जाना जरूरी है। दोनों सदनों में तालमेल जरूरी है। लंबित बिल पास हैं।

  4. 300 संशोधन आए हैं और सबका अपना महत्व है। सदस्यों से अपील है कि संशोधन वापस लें।

  5. मृत्यु को एक वरदान मिला है। मृत्यु कभी बदनाम नहीं होती। कांग्रेस को वरदान मिला हुआ है, कांग्रेस को कभी बदनामी नहीं मिलती।

  6. भ्रष्टाचार, भाई भतीजावाद ने जकड़ लिया था। मैंने पिछले दिनों 300 प्रॉजेक्ट खुद रिव्यू किए। फंसे हुए प्रॉजेक्ट फिर से चालू हो गए हैं।

  7. सुशासन की पहली शर्त पारदर्शिता है। हमने गुड गवर्नेंस पर जोर दिया है। इसका दूसरा पहलू है जवाबदेही।

  8. 2014 में स्किल डेवलपमेंट पर अलग मंत्रालय बनाया गया। डेढ़ साल में ITI में 30 फीसदी इजाफा। अतंर्राष्ट्रीय स्तर पर वर्कफोर्स तैयार करने पर जोर दिया। स्टार्ट अप्स को तीन साल टैक्स पर रियायत दी है।

  9. दो तरह के लोग होते हैं, एक काम करते हैं और दूसरे श्रेय लेते हैं। कांग्रेस ने अगर काम किया होता तो हमें जन-धन लाने की जरूरत नहीं होती।

  10. भाषण का अंत करते हुए उन्होंने निदा फाज़ली की गजल पढ़ी : सभी हैं भीड़ में, तुम भी निकल सको तो चलो; सफर में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो; किसी के वास्ते राहें कहां बदलती हैं, तुम अपने आप को खुद ही बदल सको तो चलो। यहां किसी को कोई रास्ता नहीं देता, मुझे गिरा के तुम संभल सको तो चलो।