ज्ञानवापी मस्जिद (फाइल फोटो)
वाराणसी:
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू महिलाओं की ओर से दायर याचिका, जिसमें साल भर मंदिर में पूजा करने की मांग की गई है सुनने योग्य है या नहीं, इस पर आज जिला जज फैसला सुनाएंगे. दोपहर दो बजे के बाद सुनवाई होगी. मामले में मुस्लिम पक्ष की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट की ओर से बड़ा फैसला आ सकता है. हालांकि, इसी बीच कोर्ट में मस्जिद में मुसलमानों की एंट्री पर रोक लगाने की एक याचिका दायर कर दी गई है. इसमें कहा गया है कि मंदिर हिंदुओं को सौंप दी जाए.
- पूरे मामले मुस्लिम पक्ष की ओर से केस की पोषणीयता को लेकर जिला कोर्ट में अर्जी लगाई गई थी.
- मस्जिद पक्ष के वकील अभय नाथ यादव ने कहा था कि श्रृंगार गौरी प्रकरण में सुनवाई करने का मतलब, प्लेसेज ऑफ वर्शिप ऐक्ट यानी पूजा स्थल कानून 1991 का उल्लंघन है.
- मुस्लिम पक्ष चाहता था कि पहले सिविल प्रक्रिया आदेश 07, नियम 11 के तहत यह तय हो की मामले की सुनवाई हो सकती है या नहीं.
- ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. सुप्रीम कोर्ट ने जिला अदालत को निर्देश दिया कि वह इस मुकदमे को सुनें और सबसे पहले मस्जिद पक्ष के इस एप्लीकेशन की सुनवाई करें.
- सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद इसी हफ्ते मंगलवार को पूरे मामले में जिला कोर्ट ने ये फैसला सुनाया था कि मामले में पहले मुस्लिम पक्ष की मांग पर सुनवाई होगी.
- सुनवाई के लिए 26 मई यानी आज की तारीख तय की गई थी.
- गौरतलब है कि दिल्ली निवासी राखी सिंह और अन्य की याचिका पर वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने पिछली 26 अप्रैल को ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे कराए जाने का निर्देश दिया था.
- सर्वे का यह काम पिछली 16 मई को मुकम्मल हुआ था, जिसकी रिपोर्ट 19 मई को अदालत में पेश की गई थी.
- हिंदू पक्ष ने सर्वे के अंतिम दिन ज्ञानवापी मस्जिद के वजू खाने में शिवलिंग मिलने का दावा किया था, जिसे मुस्लिम पक्ष ने नकारते हुए कहा था कि वह शिवलिंग नहीं बल्कि फव्वारा है.
- इस रिपोर्ट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने शिवलिंग को सुरक्षित रखने के साथ-साथ मुसलमानों को हो रही परेशानी का निपाटारा करने का आदेश दिया था.
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