वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश कर दिया है. यह रिपोर्ट देश की आर्थिक स्थिति की वर्तमान स्थिति और सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से मिलने वाले परिणामों को दर्शाती है. वास्तव में यह वित्त मंत्रालय की ओर से पेश की जाने वाली आधिकारिक रिपोर्ट होती है. आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में बताया जाता है कि साल के दौरान विकास की प्रवृत्ति क्या और कैसी रही. सर्वे के मुताबिक साल 2017-18 में GDP 6.75 फीसदी रहने की उम्मीद है. यह 2016-17 में 7.1 फीसदी और 2015-16 में 8 फीसदी थी. साल 2018-19 में 7 से 7.5 रहने का अनुमान है. इनडायरेक्ट टैक्स देने वालों में 50 फीसदी का इजाफा हुआ है. विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर वर्ष 2017-18 में 409.4 बिलियन यूएस डॉलर रहने का अनुमान है.
आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट की खास बातें
- साल 2017-18 में विकास दर 6.75% रहने का है अनुमान है.
- रिपोर्ट के अनुसार अगले वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में ज्यादा सुधार की है उम्मीद है.
- 2018-19 में विकास दर 7-7.5% रहने का है अनुमान. इसमें अर्थव्यवस्था में ज्यादा सुधार की उम्मीद है.
- आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार देश में विकास पर सरकार का ज़ोर रहेगा.
- रिपोर्ट के अनुसार देश में निजी निवेश बढ़ाने की योजना पर भी काम किया जा रहा है.
- सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार इस साल का बजट रोज़गार, शिक्षा, कृषि पर ज़्यादा फ़ोकस रहेगा.
- 2017-18 में खेती पर ख़राब मौसम की मार रही. इसका भी जिक्र किया गया है.
- अप्रत्यक्ष कर में 50 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
- दूसरे देशों के मुक़ाबले प्रत्यक्ष कर वसूली कम है. इसका भी जिक्र किया गया है.
- कच्चे तेल की बढ़ती क़ीमत चिंता का विषय.