फाइल फोटो
ढाका:
शुक्रवार को ढाका के कैफे में हमला करने वाले आतंकियों ने बेहद बेरहमी दिखाई। उन्होंने बंधकों के साथ कॉकरोच की तरह बर्ताव किया। पहले उन्हें गोलियां मारीं। उसके बाद धारदार हथियार से उनको काट डाला। एक शीर्ष बांग्लादेशी सुरक्षा अधिकारी ने एनडीटीवी से यह बात कही।
- रैपिड एक्शन बटालियन के डाइरेक्टर जनरल बेनजीर अहमद ने पुष्टि करते हुए कहा कि सभी आतंकी युवा थे जिन्होंने शहर के प्रतिष्ठित स्कूलों में पढ़ाई की। वह उस कैफे में भी नियमित रूप से जाते थे।
- उन्होंने यह भी कहा कि हमलावर खुद अभिजात वर्ग का हिस्सा थे। वे किस तरह चरमपंथी बने, इस पर विश्वास करना बहुत मुश्किल है। उनमें से कम से कम चार बेहद संपन्न परिवारों से थे।
- 'बीडी न्यूज' की खबर के अनुसार, पार्टी की ढाका शाखा के नेता और बांग्लादेश ओलिंपिक एसोसिएशन के उपमहासचिव एस.एम. इम्तियाज खान बाबुल का बेटा रोहान इब्ने इम्तियाज की पहचान हमलावरों में से एक के रूप में हुई है। उसकी पहचान पार्टी के ही एक अन्य नेता ने की है।
- सात आतंकियों ने कैफे पर हमला किया था। इन्होंने 22 लोगों की हत्या कर दी थी। जवाबी कार्रवाई में 100 से अधिक कमांडो ने रेस्टोरेंट पर धावा बोलकर छह आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया। एक को जिंदा पकड़ा गया।
- उन्होंने विदेशियों को स्थानीय लोगों से अलग कर उनको एक-एक कर मार दिया। अहमद के मुताबिक उन्होंने पहले बंधकों को गोली मारी और उसके बाद उनको काटा।
- अहमद के मुताबिक उन्होंने बेहद घृणा दिखाई और लेशमात्र भी मानवता का परिचय नहीं दिया।
- इस बांग्लादेशी अधिकारी ने बताया कि जिंदा पकड़ा गया आतंकी हमले से एक दिन पहले ही कनाडा से आया था।
- आतंकी हमले में मारी गई भारतीय तारिषी जैन का शव ढाका से दिल्ली लाया गया। सोमवार को गुड़गांव में उसका अंतिम संस्कार किया गया।
- अधिकारी के मुताबिक ये आतंकी बेहद प्रशिक्षित थे। उनको हमले और रक्षा के लिए विभिन्न किस्म के हथियार चलाने का प्रशिक्षण प्राप्त था।
- अहमद ने यह भी कहा कि ये आतंकी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींचना चाहते थे और साथ ही बांग्लादेशियों को बताया चाहते थे कि उन पर कोई खतरा नहीं है...इसीलिए कैफे में जो लोग बांग्लादेश के थे, उनको नहीं मारा गया।