नई दिल्ली:
देश में मध्यरात्रि से माल एवं सेवाकर (जीएसटी) की शुरआत होते ही भारत दुनिया के उन कुछ गिने-चुने देशों में शामिल हो गया है, जिनमें राष्ट्रीय स्तर पर एक बिक्री कर लागू है. जीएसटी को आजादी के बाद देश का सबसे बड़ा टैक्स सुधार माना जा रहा है.
- जीएसटी के लागू होने से केंद्र और राज्यों के स्तर पर लगने वाले एक दर्जन से अधिक टैक्स समाप्त हो जाएंगे और उनके स्थान पर केवल जीएसटी लगेगा.
- जीएसटी की शुरुआत के मौके पर संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित भव्य कार्यक्रम में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के साथ वित्त मंत्री अरुण जेटली मंच पर उपस्थित थे. इनके अलावा कई अन्य आमंत्रित अतिथि भी उपस्थित रहे.
- मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस इस कार्यक्रम से दूर रही. कांग्रेस के इसी बहिष्कार के चलते पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी कार्यक्रम से दूर रहे. तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, डीएमके और वामपंथी दलों ने भी कार्यक्रम का बहिष्कार किया.
- जीएसटी से पूरा देश एक साझा बाजार बन जाएगा. जीएसटी से वर्तमान बहुस्तरीय कर व्यवस्था समाप्त होगी और कर के ऊपर कर लगने से माल की लागत पर बढ़ने वाला बोझ भी समाप्त होगा.
- राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इस समारोह में कहा कि जीएसटी भारतीय निर्यात को ज्यादा प्रतिस्पर्धी बनाएगा और आयात से मुकाबला करने के लिए घरेलू उद्योगों को समान अवसर देगा.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जीएसटी एक पारदर्शी और साफ-सुथरी प्रणाली है, जो कालेधन और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाएगी और एक कार्य संस्कृति को आगे बढ़ाएगी.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उम्मीद जतायी कि व्यापारी वर्ग जीएसटी का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाएंगे.
- जीएसटी को कारोबार सुगमता की दिशा में एक बड़ा कदम बताया जा रहा है. हालांकि, छोटे कारोबारी और व्यापारी इस नई कर प्रणाली को लेकर कुछ घबराहट में हैं.
- जीएसटी में कर भुगतान प्रणाली को लेकर उपजी आशंकाओं के चलते उत्तर प्रदेश में व्यापारियों ने एक रेलगाड़ी को रोक दिया. कई शहरों में इस दौरान थोक जिंस बाजार बंद रहे.
- जीएसटी को लेकर कश्मीर में शनिवार को बंद का आह्वान किया गया है. पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में कई जगहों पर शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन हुए.