मुंबई:
शिवसेना (Shiv Sena) प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व करने वाले एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री (Chief Minister) बन गये हैं.आज हम आपको एकनाथ शिंदे के जीवन से जुड़ी 10 बड़ी बातों के बारे में बता रहे हैं...
- एकनाथ शिंदे किशोरावस्था में सतारा जिले से मुंबई आ गये थे. वह ठाणे में एक ऑटोरिक्शा चलाते थे. 1980 के दशक से वो शिवसेना के लिए काम करने लगे थे. ठाणे के शिवसेना के कद्दावर नेता आनंद दिघे के संपर्क में आने के बाद उन्होंने शिवसेना ज्वॉइन कर ली.
- बालासाहेब ठाकरे के जमाने में आनंद दिघे शिवसेना में नंबर दो के नेता माने जाते थे. आनंद दिघे को एकनाथ शिंदे का राजनीतिक गुरु भी कहा जाता है. बहरहाल, 2001 में दिघे की मृत्यु के बाद ठाणे की सियासत एकनाथ शिंदे के हाथों में चली गई.
- शिवसेना में जब लेबर यूनियन शुरू हुआ तो शिंदे उसके नेता बन गये. यहीं से राजनीति में काम करना शिंदे ने और तेज कर दिया. इसके बाद शिंदे खुद को राजनीति में मजबूत करते गये और ठाणे में लोगों के बीच पैठ बनाई.
- शिंदे साल 1997 में ठाणे नगर निगम के लिए चुने गए. इसके बाद उन्हें शिवसेना ने ठाणे में पार्टी का कामकाज करने के लिए सौंपा दिया. अब शिंदे को इस क्षेत्र में अपनी राजनीतिक पकड़ को मजबूत बनाने का मौका मिला.
- एकनाथ शिंदे 2004 में महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुने गए. जब पारिवारिक कारणों से राज ठाकरे ने शिवसेना छोड़ दी और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) बना ली. इसके बाद एकनाथ शिंदे का कद पार्टी में और भी बड़ा हो गया.
- एकनाथ शिंदे के पुत्र श्रीकांत शिंदे कल्याण से लोकसभा सांसद हैं और उनके भाई प्रकाश शिंदे पार्षद हैं. जब शिवसेना ने 25 साल बाद भाजपा से नाता तोड़ लिया और अपने दम पर चुनाव लड़ा, तो शिंदे राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता बन गए.
- शिवसेना के प्रमुख संकटमोचक एकनाथ शिंदे ने यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र मुक्त विश्वविद्यालय से कला में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है. वह महाराष्ट्र विधानसभा में लगातार चार बार निर्वाचित हुए हैं. इसमें 2004, 2009, 2014 और 2019 शामिल है.
- एकनाथ शिंदे की पार्टी के अंदर खासी पकड़ है. शिवसेना के करीब 39 विधायक इस वक्त उनके खेमे में आकर शामिल हो गये हैं. वहीं पार्टी के गढ़ माने जाने वाले ठाणे में उनकी राजनीतिक पकड़ काफी मज़बूत है.
- महाराष्ट्र की राजनीति में शिवसेना के कद्दावर नेता एकनाथ शिंदे का नाम 2019 में मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे चल रहा था, लेकिन महाविकास अघाड़ी के चलके शिंदे ने अपनी नाम खुद पीछे खींच लिया था और उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने की वकालत की थी.
- एक समय पर एकनाथ को ठाकरे परिवार का सबसे करीबी समझा जाता था. लेकिन बदले हालात में आज वे ठाकरे परिवार के कट्टर दुश्मन हो गए हैं. जिन्होंने उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री की कुर्सी ने नीचे उतार दिया है और खुद सूबे के मुख्यमंत्री बन गए हैं.