Haldi Ki Gaanth: हिंदू धर्म में शादी (Marriage) को सोलह संस्कारों में से एक कहा गया है. शादी एक बहुत ही पवित्र बंधन माना गया है जिसमें सिर्फ दो लोग नहीं बल्कि दो परिवार भी आपस में जीवन भर के लिए जुड़ जाते हैं. हिंदू धर्म में विवाह (Wedding Rituals) के समय कई सारे रीति रिवाज किए जाते हैं जिसमें हल्दी की गांठ (Haldi ki Ganth) होने वाली दुल्हन की कलाई पर बांधी जाती है. आपने देखा होगा कि शादी से पहले होने वाली दुल्हन को हल्दी लगाई जाती है और उसकी कलाई पर उसकी गांठ बांधी जाती है, ये बहुत ही पवित्र रिवाज है और इसमें कई सारे शुभ संकेत छिपे होते हैं. सदियों से होने वाली दुल्हन के हाथ में हल्दी की गांठ बांधने की परंपरा चली आ रही है. चलिए जानते हैं कि ये रीति क्यों इतनी खास है.
शादी ब्याह और मांगलिक कार्यों में हल्दी का महत्व
आपको पता ही होगा कि पूजा पाठ और मांगलिक कार्यक्रमों में हल्दी को बहुत ही पवित्र दर्जा दिया गया है. इसका तिलक किया जाता है, इसका उबटन दुल्हन और दूल्हे को लगाया जाता है और इसके हाथों के छापे से ही दुल्हन नए घर में प्रवेश करती है. हल्दी के लेप से ही दुल्हन का शरीर पवित्र होता है और उसका मन शुद्ध हो जाता है औऱ वो नए जीवन में प्रवेश करने के लिए तैयार हो जाती है. हल्दी की रस्म भी काफी शुभ होती है जिसमें दुल्हन के साथ-साथ दूल्हा भी पूरे शरीर पर हल्दी लगवाता है.
हल्दी की गांठ क्यों बांधी जाती है
चूंकि हल्दी एक सकारात्मक ऊर्जा वाली चीज है इसलिए शादी से पहले दुल्हन को नकारात्मक शक्तियों और बुरी नजर से बचाने के लिए इसे दुल्हन के हाथ में बांध दिया जाता है. इसे हाथ में बांधने से दुल्हन बुरी नजर और बुरी शक्तियों से बची रहती है. हल्दी चूंकि सकारात्मकता और नए जीवन के सुख लेकर आती है इसलिए दुल्हन की कलाई पर इसे बांधा जाता है. जब दुल्हन विवाह के बाद अपने पति के घर पहुंचती है तो पति ही उसकी कलाई से इस गांठ को खोलता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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