Laddu Gopal Puja: बहुत से घरों में भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल (Laddu Gopal) की पूजा होती है. लड्डू गोपाल की पूजा के खास विधि-विधान होते हैं. उनकी बच्चों की तरह देखभाल की जाती है. लड्डू गोपाल की पूजा में हर दिन तुलसी की मंजरी (Tulsi manjari) और पत्ते चढ़ाएं जाते हैं. भगवान विष्णु के हर रूप की पूजा में तुलसी का उपयोग जरूरी होता है. लड्डू गोपाल को तुलसी की मंजरी और पत्तों से तैयार माला पहनाई जाती है. लेकिन, पूजा में चढ़ाई गई चीजों को फेंकना वर्जित माना जाता है. ऐसे में जानिए कि लड्डू गोपाल को चढ़ाई गए तुलसी की मंजरी का क्या करना चाहिए.
पूजा के बाद तुलसी की मंजरी का क्या करें
प्रसाद के रूप में उपयोगलड्डू गोपाल को चढ़ाए गए तुलसी के पत्ते और मंजरी को प्रसाद बनाने में उपयोग करना चाहिए. तुलसी के पत्ते चबाने से सेहत को भी फायदा होता है. इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जा सकता है.
तिजोरी में रखेंलड्डू गोपाल को चढ़ाए गए तुलसी के पत्ते और मंजरी को जमाकर के लाल कपड़े में बांध लें. उसे अपने घर की तिजोरी या संदूक में रखें. भगवान में चढ़ी हुई तुलसी और मंजरी शुभ होती है और इससे धन का आवक बढ़ता है.
नया पौधालड्डू गोपाल को चढ़ाए गए तुलसी मंजरी को सुखाकर उसे मिट्टी में डालकर दूसरा तुली का नया पौधा उगाया जा सकता है. मंजरी को अच्छी तरह से सुखाकर मिट्टी में डाल देने से नए पौधे उग आते हैं.
दोबारा उपयोगकइ बार मौसम के कारण तुलसी की मंजरी और पत्ते (Tulsi Leaves) नहीं मिलते हैं. ऐसे में चढ़े हुए तुलसी के पत्तों और मंजरी को किसी डिब्बे में स्टोर करें. फिर उसे दोबारा उपयोग में लाया जा सकता है. एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते तोड़ने की मनाही होती है. इस दिन भी पूजा कार्यों के लिए रखें हुए तुलसी के पत्ते और मंजरी का उपयोग किया जा सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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