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This Article is From Nov 16, 2023

लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति का दिवाली पूजा के बाद क्या करें, नहीं करनी चाहिए यहां-वहां फेंकने की भूल

Lakshmi-Ganesh Idol: दिवाली के दिन लक्ष्मी-गणेश की पूजा के लिए लोग नई मूर्ति या तस्वीर खरीद कर लाते हैं. नई मूर्तियां आने के बाद पुरानी मूर्ति या तस्वीर की उपेक्षा ठीक नहीं है. मान्यतानुसार इससे पूजा व्यर्थ हो सकती है.

लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति का दिवाली पूजा के बाद क्या करें, नहीं करनी चाहिए यहां-वहां फेंकने की भूल
Lakshmi-Ganesh Idols Afters Diwali: दीपावली पर की जाती है मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा.

Puja Tips: दिवाली का त्योहार 12 नवंबर को मनाया जा चुका है. इस दिन लक्ष्मी गणेश (Lakshmi-Ganesh) की पूजा के लिए लोग नई मूर्ति या तस्वीर खरीद कर लाते हैं. नई मूर्तियां आने के बाद पुरानी मूर्ति (Idols) या तस्वीर की उपेक्षा ठीक नहीं है. इससे पूजा का फल व्यर्थ हो सकता है. पुरानी मूर्तियों या तस्वीर को सही तरीके से रखना जरूरी होता है,आइए जानते हैं दिवाली की पूजा के बाद माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर का क्या करना चाहिए. 

दिवाली के बाद लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति का क्या करें

पूजा घर में स्थापित करें

दिवाली की पूजा के बाद लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति या तस्वीर को पूजा घर में स्थापित करना चाहिए. भाई दूज तक मूर्तियों को चौकी पर कपड़ा बिछाकर रखें और उनकी पूजा करें. भाई दूज के बाद नई मूर्तियों को पूजाघर में स्थापित करें. पुरानी मुर्तियों को श्रद्धापूर्वक पूजाघर से हटा दें.

नदी या बहते जल में करें प्रवाहित

दिवाली की पूजा के बाद पुरानी मूर्तियों को भाई दूज के बाद हटाकर फूल और अक्षत के साथ लाल कपड़े में लपेटकर बहते जल या नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए. मूर्तियों (Lakshmi Ganesh Idol) को कभी भी पेड़ के नीचे या गंदे स्थान पर नहीं रखना चाहिए.

सोने चांदी की मूर्तियों को तिजारी में रखें

अगर दिवाली की पूजा के लिए आप सोने, चांदी या पीतल की मूर्ति लाएं हैं तो पूजा के बाद उन्हें तिजोरी में रखना चाहिए. तिजोरी में रखने से पहले मूर्तियों को गंगाजल से स्नान कराएं. मूर्तियों की फिर से पूजा करने के लिए विधि-विधान से स्थापना करें. 

कब करें विसर्जन

लक्ष्मी गणेश की पुरानी मूर्तियों का विसर्जन सोमवार को करना शुभ होता है. मंगलवार के दिन विसर्जन (Visarjan) करने की मनाही होती है. इसके साथ ही गणेश-लक्ष्मी की पुरानी मूर्तियों को कभी भी सूर्यास्त के बाद विसर्जन नहीं करना चाहिए. लक्ष्मी जी को प्रदोष काल और गोधुली बेला अति प्रिय है. मूर्तियों को हमेशा सुबह के समय विसर्जित करना चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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