साल 2018 का पहला सूर्यग्रहण 15 फरवरी को दिखाई देने वालेा है. यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. यह ग्रहण दक्षिण अमेरिका उरुग्वे और ब्राजील में देखा जा सकता है. इतना ही नहीं ज्योतिष के अनुसार 11 अगस्त, 2018 को भी सूर्यग्रहण होगा, पर यह सूर्यग्रहण भी भारत में नजर नहीं आएगा. सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी एक ही लाइन में आ जाते हैं. आपको बता दें कि यह ग्रहण रात 12.25 मिनट से शुरू होगा और यह 16 फरवरी सुबह 4.18 बजे तक जारी रहेगा.
सूर्यग्रहण पर क्या करें और क्या नहीं
- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सूर्यग्रहण के बाद पवित्र नदियों और सरोवरों में स्नान कर देवता की आराधना करनी चाहिए.
- स्नान के बाद गरीबों और ब्राह्मणों को दान देने की परंपरा है. मान्यता है कि इससे ग्रहण के प्रभाव में कमी आती है. यही कारण है कि सूर्यग्रहण के बाद लोग गंगा, यमुना, गोदावरी आदि नदियों में स्नान के लिए जाते हैं और दान देते हैं.
सूर्यग्रहण पर क्या करें और क्या नहीं
- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सूर्यग्रहण के बाद पवित्र नदियों और सरोवरों में स्नान कर देवता की आराधना करनी चाहिए.
- स्नान के बाद गरीबों और ब्राह्मणों को दान देने की परंपरा है. मान्यता है कि इससे ग्रहण के प्रभाव में कमी आती है. यही कारण है कि सूर्यग्रहण के बाद लोग गंगा, यमुना, गोदावरी आदि नदियों में स्नान के लिए जाते हैं और दान देते हैं.
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- हिन्दू मान्यता के अनुसार, सूर्यग्रहण में ग्रहण शुरु होने से चार प्रहर पूर्व भोजन नहीं करना चाहिये. बूढ़े, बालक और रोगी एक प्रहर पूर्व तक खा सकते हैं. यह भी माना जाता है कि ग्रहण के दिन पत्ते, तिनके, लकड़ी, फूल आदि नहीं तोड़ना चाहिए.
- मिथक है कि गर्भवती स्त्री को सूर्यग्रहण या चंद्रग्रहण नहीं देखना चाहिए. क्योंकि माना जाता है कि उसके दुष्प्रभाव से शिशु को प्रभावित कर सकता है.
- यह मान्यता भी प्रचलित है कि सूर्यग्रहण के समय बाल और वस्त्र नहीं निचोड़ने चाहिए और दांत भी नहीं साफ करने चाहिए. ग्रहण के समय ताला खोलना, सोना, मल-मूत्र का त्याग करना और भोजन करना - ये सब कार्य वर्जित हैं.
- सूर्यग्रहण या चंद्रग्रहण के दौरान किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत को बिल्कुल मना किया जाता है. मान्यता है कि इस दौरान शुरु किया गया काम अच्छा परिणाम नहीं देता है.
- हिन्दू मान्यता के अनुसार, सूर्यग्रहण में ग्रहण शुरु होने से चार प्रहर पूर्व भोजन नहीं करना चाहिये. बूढ़े, बालक और रोगी एक प्रहर पूर्व तक खा सकते हैं. यह भी माना जाता है कि ग्रहण के दिन पत्ते, तिनके, लकड़ी, फूल आदि नहीं तोड़ना चाहिए.
- मिथक है कि गर्भवती स्त्री को सूर्यग्रहण या चंद्रग्रहण नहीं देखना चाहिए. क्योंकि माना जाता है कि उसके दुष्प्रभाव से शिशु को प्रभावित कर सकता है.
- यह मान्यता भी प्रचलित है कि सूर्यग्रहण के समय बाल और वस्त्र नहीं निचोड़ने चाहिए और दांत भी नहीं साफ करने चाहिए. ग्रहण के समय ताला खोलना, सोना, मल-मूत्र का त्याग करना और भोजन करना - ये सब कार्य वर्जित हैं.
- सूर्यग्रहण या चंद्रग्रहण के दौरान किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत को बिल्कुल मना किया जाता है. मान्यता है कि इस दौरान शुरु किया गया काम अच्छा परिणाम नहीं देता है.
सूर्यग्रहण 2018: जानें ग्रहण का समय, कहां होगा दीदार और भारत में दिखेगा या नहीं?
इस तरह सूर्यग्रहण देखना पड़ सकता है भारी
सूर्यग्रहण को देखने के लिए वैज्ञानिकों द्वारा प्रमाणित टेलिस्टकोप का ही प्रयोग करना चाहिए. सूर्य ग्रहण देखने के लिए ऐसे चश्में का भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जिनमें अल्ट्रावॉयलेट किरणों को रोकने की क्षमता हो.
सूर्यग्रहण के दौरान क्या करें गर्भवती महिलाएं
- सूर्यग्रहण व सूतक अवधि में घर से बाहर न निकलें.
- ग्रहण को देखने की कोशिश न करें.
- भगवान का जप-ध्यान करें.
- ऐसा भी कहा जाता है कि सूर्यग्रहण पर सूतक से पहले पके हुए भोजन में तुलसी के पत्ते डाल देने चाहिए.
इस तरह सूर्यग्रहण देखना पड़ सकता है भारी
सूर्यग्रहण को देखने के लिए वैज्ञानिकों द्वारा प्रमाणित टेलिस्टकोप का ही प्रयोग करना चाहिए. सूर्य ग्रहण देखने के लिए ऐसे चश्में का भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जिनमें अल्ट्रावॉयलेट किरणों को रोकने की क्षमता हो.
सूर्यग्रहण के दौरान क्या करें गर्भवती महिलाएं
- सूर्यग्रहण व सूतक अवधि में घर से बाहर न निकलें.
- ग्रहण को देखने की कोशिश न करें.
- भगवान का जप-ध्यान करें.
- ऐसा भी कहा जाता है कि सूर्यग्रहण पर सूतक से पहले पके हुए भोजन में तुलसी के पत्ते डाल देने चाहिए.
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