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This Article is From Dec 19, 2023

स्कंद षष्ठी से रवि प्रदोष तक, जानिए इस सप्ताह के प्रमुख व्रत और त्योहार

इस सप्ताह का आरंभ मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष (shukl paksh) की षष्ठी तिथि से हुआ है. नंदा नवमी, मोक्षदा एकादशी और रवि प्रदोष जैसे महत्वपूर्ण व्रत के कारण इस सप्ताह का धार्मिक महत्व है.

स्कंद षष्ठी से रवि प्रदोष तक, जानिए इस सप्ताह के प्रमुख व्रत और त्योहार
22 दिसंबर शुक्रवार को मोक्षदा एकादशी का व्रत रखा जाएगा. इस दिन यह शैव मोक्षदा एकादशी का व्रत रखेंगे.

Weekly Vart and festival : दिसंबर माह में 18 से 24 तारीख वाले इस सप्ताह में कई व्रत (Vart) और त्योहार हैं. मार्गशीर्ष मास, (Margashirsha ) में पड़ रहे 18 से 24 दिसंबर धार्मिक आधार पर बहुत महत्वपूर्ण हैं. सप्ताह का आरंभ मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि से हुआ है. इस दिन स्कंद षष्ठी मनाई जाती है. सप्ताह के अंत में शुक्र वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे और पंचक काल समाप्त होने वाला है. आइए जानते हैं इस सप्ताह आने वाले प्रमुख व्रत और त्योहार (Weekly Vart and Tyohar). खरमास में तुलसी के पास भूलकर भी ना रखें ये चीजें, मान्यता है रूठ जाती हैं धन के देवी लक्ष्मी

स्कंद षष्ठी व्रत

18 दिसबंर सोमवार को स्कंद षष्ठी व्रत है. मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को भगवान कार्तिकेय का जन्म का दिन माना जाता है. माना जाता है कि इस दिन विधि-विधान से भगवान कार्तिकेय की पूजा से बीमारी, गरीबी और कष्ट दूर हो जाते हैं.

नंदा नवमी

21 दिसंबर गुरुवार को नंदा नवमी का व्रत रखा जाएगा. मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को नंदा नवमी का व्रत रखा जाती है और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है. नव दुर्गा स्वरूप में महालक्ष्मी स्वरूप का भी उल्लेख मिलता है. इसी दिन रात्रि 11 बजकर 58 मिनट पर पंचक समाप्त हो जाएगा.

मोक्षदा एकादशी

22 दिसंबर शुक्रवार को मोक्षदा एकादशी का व्रत रखा जाएगा. इस दिन यह शैव मोक्षदा एकादशी का व्रत रखेंगे. इस दिन लक्ष्मी नारायण की पूजा से मोक्ष की प्राप्ति होती है. वैष्णव मोक्षदा एकादशी का व्रत 23 दिसंबर शनिवार को रखेंगे. इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाएगी.

रवि प्रदोष व्रत

24 दिसंबर रविवार को रवि प्रदोष का व्रत रखा जाएगा. प्रदोष का व्रत हर माह दो बार आता है और दिन के अनुसार इसका फल प्राप्त होता है. मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत रविवार को होने के कारण रवि प्रदोष व्रत है. माना जाता है कि इस दिन भगवान शंकर की पूजा से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. रवि प्रदोष होने के कारण भक्तों को सूर्य देव की भी कृपा प्राप्त होती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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