Best Direction For Tulsi: सनातन धर्म में तुलसी के पौधे को दैवीय गुणों वाला कहा जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इससे मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) और भगवान विष्णु (Lord Vishnu) का संबंध है. कहा जाता है कि तुलसी का पौधा (Tulsi Plant) लगाने से धन में वृद्धि के साथ-साथ सौभाग्य में भी बढ़ोतरी होती है. इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि तुलसी का पौधा घर में लगाने से सकारात्मक ऊर्जा (Positive Energy) आती है. लेकिन अगल तुलसी के पौधे को वास्तु (Vastu Tips For Tulsi) के अनुकूल उचित दिशा में ना लगाया जाए तो यह पौधा सौभाग्य को दुर्भाग्य में बदल सकता है. गलत दिश में तुलसी का पौधा लगाने पूरा परिवार संकट में पड़ सकता है. इसलिए तुलसी का पौधा लगाते वक्त विशेष सावधानी बरती जाती है. आइए वास्तु के अनुसार जानते हैं कि तुलसी का पौधा किस दिशा में लगाना उचित है.
कहां लगाएं तुलसी का पौधा | where to plant tulsi plant
वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के मुताबिक घर या आंगन में दक्षिण दिशा की ओर तुलसी का पौधा (Tulsi Plant) लगाना अनुचित और अशुभ माना गया है. दरअसल इस दिशा का संबंध पितर से होता है. ऐसे में इस दिशा में कभी भी तुलसी का पौधा नहीं लगाना चाहिए. माना जाता है कि इस दिशा में तुलसी का पौधा लगाने से जीवन में कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के मुताबिक तुलसी का पौधा पूर्व दिशा में लगाना शुभ होता है. इसके अलावा तुलसी का पौधा (Tulsi) उत्तर-पूर्व या उत्तर की दिशा में लगाया जा सकता है. इसे इस दिशा में लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. इसके साथ ही मां लक्ष्मी की भी कृपा बनी रहती है.
तुलसी से जुड़े खास नियम | Special rules related to Tulsi
तुलसी का पौधा लगाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि उस पौधे में कोई और पौधा ना उग रहा हो. दरअसल तुलसी के पैधे (Tulsi) के साथ अन्य खरपतवार का उगना अशुभ और नुकसानदायक माना गया है.
धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो लोग गृहस्थ जीवन में हैं, उन्हें रोजाना तुलसी की पूजा करनी चाहिए. क्योंकि कहा जाता है कि जो लोग रोजाना तुलसी की पूजा करते हैं, उनका गृहस्थ जीवन सुखमय रहता है. साथ ही उनके जीवन में सुख के साधनों की कमी नहीं होती.
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विष्णु पुराण (Vishnu Purana) के मुताबिक एकादशी, सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण के दिन तुलसी का पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए.
रविवार को तुलसी में जल (Water in Tulsi) देना निषेध माना गया है. ऐसा इसलिए क्योंकि मान्याता है कि इस दिन माता तुलसी भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं.
तुलसी की पत्तियां भगवान विष्णु और उनके सभी अवतारों को अर्पित की जा सकती है. लेकिन भगवान शिव और गणेश जी को तुलसी के पत्ते अर्पित नहीं किए जाते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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