
Tulsi Upay: तुलसी के पौधे की हिंदू धर्म में विशेष मान्यता होती है. इस पौधे को घर की सुख-शांति बनाए रखने के लिए रखा जाता है व इसकी पूजा भी की जाती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी को तुलसी माता (Tulsi Mata) कहा जाता है तथा उन्हें भगवान विष्णु की प्रिय भी कहते हैं. वहीं, तुलसी की सही देखरेख करने पर माना जाता है कि भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के प्रसन्न होने पर उनकी पत्नी मां लक्ष्मी का मन प्रफुलित होता है और जातक के घर की सभी आर्थिक दिक्कतें दूर हो जाती हैं. लेकिन, यदि तुलसी की सही तरह से देखरेख ना की जाए तो इसका विपरीत प्रभाव भी पड़ सकता है और घर में दरिद्रता आती है.
किन चीजों को नहीं रखना चाहिए तुलसी के समीप
मान्यतानुसार घर के आंगन में या किसी और स्थान पर तुलसी का पौधा लगा हो तो कुछ खास बातों का ध्यान रखना अनिवार्य होता है. तुलसी के पौधे (Tulsi Plant) के करीब यदि इन चीजों को रखा जाता है तो घर में आर्थिक कष्ट बढ़ने और सुख-शांति की क्षति होने की संभावना बढ़ जाती है.
मान्यतानुसार जूते या चप्पल तुलसी के पौधे के सपीम नहीं रखने चाहिए. जूते-चप्पल तुलसी के आस-पास रखना तुलसी माता और मां लक्ष्मी का अपमान माना जाता है. इसके अतिरिक्त जूते-चप्पल राहू के प्रतीक माने जाते हैं जो घर की मुश्किलें बढ़ाने का काम करते हैं.
कूड़ा-कचरा
कूड़ा-करकट या कूड़ेदान को तुलसी के पौधे के आस-पास रखना तुलसी का अपमान माना जाता है. इस अनादर से तुलसी माता रुष्ट हो सकती हैं. इससे मां लक्ष्मी (Ma Lakshmi) क्रोधित होती हैं और घर को आर्थिक हानि का सामना करना पड़ता है.
यूं तो मान्यतानुसार झाड़ू को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है, लेकिन झाड़ू का इस्तेमाल साफ-सफाई के लिए किया जाता है जिससे इसे तुलसी के पास रखना सही नहीं होता. ऐसा करना सुख-समृद्धि खुद ही नष्ट करने जैसा है.
तुलसी के आस-पास भगवान गणेश (Lord Ganesha) की मूर्ति ना रखने से एक पौराणिक कथा जुड़ी हुई है. इस कथा के अनुसार एक बार भगवान गणेश नदी किनारे ध्यानमग्न थे और माता तुलसी ने उन्हें शादी का प्रस्ताव दिया. भगवान गणेश ने इस प्रस्ताव को ठुकराया तो तुलसी माता ने उन्हें श्राप देकर कहा कि उनकी दो शादियां होंगी. इसी चलते कभी भी तुलसी माता के समीप भगवान गणेश की मूर्ति को नहीं रखा जाता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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