Tulsi Mata Ki Aarti: आज कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की एकादशी तिथि के दिन तुलसी विवाह का पावन पर्व मनाया जा रहा है. हिंदू मान्यता के अनुसार तुलसी जी को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है. मान्यता ये भी है कि आज के दिन यदि कोई तुलसी विवाह की विधि-विधान से पूजा करता है तो उसे कन्यादान के बराबर पुण्यफल प्राप्त होता है और उसके जीवन में सुख-सौभाग्य हमेशा बना रहता है. हिंदू मान्यता के अनुसार न प्रतिदिन तुलसी जी का न सिर्फ पूजन बल्कि दर्शन भी कल्याणकारी माना गया है.
सनातन परंपरा में तुलसी के पौधे को सतोगुणी और सकारात्मक उर्जा को फैलाने वाला माना गया है, लेकिन ध्यान रहे कि आपको तुलसी माता की पूजा का पूर्ण फल तभी प्राप्त होता है जब आप उनकी सही विधि से पूजा करते हैं. ध्यान रहे कि तुलसी विवाह की पूजा तब तक अधूरी मानी जाती है, जब तक आप उसके अंत में तुलसी माता की श्रद्धा भाव के साथ आरती नहीं करते हैं. आइए तुलसी पूजा को पूर्ण बनाने और उसका पुण्यफल बरसाने वाली दिव्य आरती का गान करते हैं.
तुलसी माता की आरती | Tulsi Mata Ki Aarti
जय जय तुलसी माता, सबकी सुखदाता वर माता.
सब योगों के ऊपर, सब रोगों के ऊपर,
रुज से रक्षा करके भव त्राता.
जय जय तुलसी माता...
बटु पुत्री हे श्यामा, सुर वल्ली हे ग्राम्या
विष्णु प्रिये जो तुमको सेवे, सो नर तर जाता.
जय जय तुलसी माता....
हरि के शीश विराजत त्रिभुवन से हो वंदित,
पतित जनों की तारिणि, तुम हो विख्याता.
जय जय तुलसी माता...
लेकर जन्म बिजन में आई दिव्य भवन में,
मानव लोक तुम्हीं से सुख संपत्ति पाता.
जय जय तुलसी माता...
हरि को तुम अति प्यारी, श्यामवरण तुम्हारी
प्रेम अजब है उनका श्री हरि का तुम से नाता.
जय जय तुलसी माता...
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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