विज्ञापन
This Article is From Jan 14, 2016

मकर संक्रांति स्पेशल: उत्तराखंड का यह मेला देता है बहू-बेटियों को अपनों से मिलने का मौका

मकर संक्रांति स्पेशल: उत्तराखंड का यह मेला देता है बहू-बेटियों को अपनों से मिलने का मौका
प्रतीकात्मक चित्र
पौड़ी गढ़वाल: उत्तराखंड सहित पूरे देश में मकर संक्रांति के साथ मेले और त्यौहारों की शुरूआत हो गई। आज जहां लोग जीवन की आपाधापी और आधुनिकता के कारण अपनी प्राचीन संस्कृति और परंपराओं से कटते जा रहे हैं, वहीं उत्तराखंड के निवासी "गेंदी की कौथिक" जैसी त्यौहारों को मना कर खुद को नई ऊर्जा और ताजगी से भर रहे हैं।

चौदह जनवरी को पौ फटने (सुबह) होने के साथ ही पौड़ी गढ़वाल में एक पहाड़ की तलहटी में स्थित त्योडो गाड में लोगों के हुजुम को देखा जा सकता है। इस स्थान पर पिछले तीन दशक से मकर संक्रांति त्यौहार धूमधाम से मनाया जाता रहा है। यहां यह त्यौहार दो दिनों तक आयोजित होता है।

----- ----- ----- ----- ----- ----- ----- ----- ----- 
यह भी पढ़ें : गंगासागर मेला 2016 : दस लाख से अधिक श्रद्धालु लगाएंगे डुबकियां
----- ----- ----- ----- ----- ----- ----- ----- -----​​


एक साल से था इस मेले का इंतजार...
इस त्यौहार के मौके पर यहां एक मेला लगता है, जिसमें आसपास के दस किलोमीटर के दायरे के 25 गांवों से लगभग 2000 ग्रामीण एकजुट होते हैं। यह मेला गांव-समाज की उन बहू-बेटियों, जो वर्षों से अपने परिवार से मिल नहीं पाई है, को परिवारजनों (मायके वालों) से मिलने का अवसर देता है।

मेले में आयी एक विवाहिता निशा बताती हैं, "मैं इस मेले का एक साल से इंतजार कर रही थी ताकि वह अपने मायके वालों से मिल सके। मैं यहां अपनी बहनों और सहेलियों से मिलने आयी हूं। यह हमारा मिलन-स्थल है।"

----- ----- ----- ----- ----- ----- ----- ----- ----- 
यह भी पढ़ें : सिंहस्थ कुंभ के लिए शुरू हुआ कॉल सेंटर, डायल 1100 और पाएं आवश्यक जानकारियां
----- ----- ----- ----- ----- ----- ----- ----- -----​​


फिर मिलेंगे, उसी जगह, उसी समय...
भूमि देवी जैसी एक बुजुर्ग महिला इसके बारे में बताते हुए हुए भावुक हो जाती हैं। वे कहती हैं, "यह मेला साल में एक बार लगता है। मैं यहां अपनी बेटी और दामाद से मिलने आती हूं और फिर घर लौट जाती हूं, जहां मैं अपने भेंड़ और मवेशियों के साथ अकेली रहती हूं।"

यहां के स्थानीय लोगों के लिए इस प्रकार के मेले और उत्सव उन्हें रोजमर्रा की सांसारिक व्यस्तता से विराम देते हैं। यह मेला उनके घर की स्त्रियों और बच्चों को शाम तक पारंपरिक व्यंजनों और पकवानों का लुत्फ उठाने के साथ-साथ परिवार और अन्य परिचितों से पिछले साल की तरह मिलने का मौका देता है- एक निश्चित समय पर, एक निश्चित स्थान पर।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
उत्तराखंड के मेले और त्यौहार, मकर संक्रांति, उत्तराखंड, मेला, Fairs And Festivals Of Uttarakhand, Makar Sankranti, Uttarakhand, Mela, Fairs Of India
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com