फाइल फोटो
आन्ध्र प्रदेश के विश्वविख्यात तिरुपति बालाजी मंदिर के बाद मुंबई स्थित प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर ने अपना डीमैट अकाउंट खोला है, ताकि श्रद्धालु शेयर, म्यूचल फंड्स, बांड्स आदि का दान मंदिर को दे सकें।
मंदिर के ट्रस्ट ने यह अकाउंट (खाता) एसबीआई कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड की एक पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एसबीआईसीएपी सिक्योरिटीज लिमिटेड के माध्यम से खोला है।
इस अकाउंट के खुलने के बाद अभी श्रद्धालु केवल सूचीबद्ध कम्पनियों के अपने शेयर सीधे तौर पर इस मंदिर को दान कर सकेंगे। बाद में इसका दायरा बढ़ाया जाएगा तब म्यूचल फंड्स, बांड्स, गोल्ड बांड्स आदि भी स्वीकार किए जाएंगे।
मुंबई के प्रभादेवी इलाके में स्थापित सिद्धिविनायक मंदिर देश के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है, जहां हर महीने लाखों श्रद्धालु आते हैं। इस मन्दिर का प्रबंधन श्री सिद्धिविनायक गणपति टेम्पल ट्रस्ट करती है।
एक अनुमान के मुताबिक़ इस मंदिर को हर साल 50 करोड़ से ज्यादा चढ़ावा प्राप्त होता है। मंदिर के पास लगभग 158 किलो सोना और 125 करोड़ की एफडी है।
मंदिर के ट्रस्ट ने यह अकाउंट (खाता) एसबीआई कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड की एक पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एसबीआईसीएपी सिक्योरिटीज लिमिटेड के माध्यम से खोला है।
इस अकाउंट के खुलने के बाद अभी श्रद्धालु केवल सूचीबद्ध कम्पनियों के अपने शेयर सीधे तौर पर इस मंदिर को दान कर सकेंगे। बाद में इसका दायरा बढ़ाया जाएगा तब म्यूचल फंड्स, बांड्स, गोल्ड बांड्स आदि भी स्वीकार किए जाएंगे।
मुंबई के प्रभादेवी इलाके में स्थापित सिद्धिविनायक मंदिर देश के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है, जहां हर महीने लाखों श्रद्धालु आते हैं। इस मन्दिर का प्रबंधन श्री सिद्धिविनायक गणपति टेम्पल ट्रस्ट करती है।
एक अनुमान के मुताबिक़ इस मंदिर को हर साल 50 करोड़ से ज्यादा चढ़ावा प्राप्त होता है। मंदिर के पास लगभग 158 किलो सोना और 125 करोड़ की एफडी है।
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