
Sharad Purnima 2025: हिंदू धर्म में आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा और कोजागरी पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. यह पूर्णिमा भगवान श्री विष्णु और चंद्र देवता के साथ धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा बरसाने वाली मानी गई है. सनातन परंपरा में यह दिन बहुत ज्यादा पवित्र माना गया है क्योंकि इसी दिन मां लक्ष्मी का प्राकट्य और भगवान कार्तिकेय का जन्म हुआ था. शरद पूर्णिमा के दिन पूजा के जिन 7 उपायों को करने से सुख-सौभाग्य और आरोग्य की कामना पूरी होती है, आइए उसे विस्तार से जानते हैं.
1. शरद पूर्णिमा का पुण्यफल पाने के लिए व्यक्ति को इस दिन विधि-विधान से व्रत और उपवास करना चाहिए. मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के व्रत से व्यक्ति पर पूरे साल श्री हरि की कृपा बनी रहती है और वह सभी सुखों को भोगता है.
2. सनातन परंपरा में किसी भी देवी या देवता अथवा किसी पावन तिथि का पुण्यफल पाने के लिए मंत्र जप का विधान है. यदि आप शरद पूर्णिमा की पूजा का शुभ फल पाना चाहते हैं तो तो इस दिन भगवान श्री विष्णु और चंद्र देवता की पूजा में उनके मंत्र का विशेष रूप से जप करें.
3. शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र देवता के दर्शन और पूजन का बहुत महत्व माना गया है. इस दिन चंद्र देवता अपने पूर्ण आकार और आभा को लिए होते हैं. मान्यता है कि इस दिन चंद्र देवता को चांदी के लोटे में दूध और जल भर कर अर्घ्य देने पर कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है और उसके शुभ फल प्राप्त होते हैं.
4. शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा भी कहते हैं जिसका संबंध धन की देवी मां लक्ष्मी से है. कोजागरी का तात्पर्य कौन जाग रहा से है. इस दिन मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए उनकी विधि-विधान से पूजा और रात्रि में जगकर उनके मंत्रों विशेष रूप से जप और कीर्तन किया जाता है. मान्यता है कि इस उपाय को करने से पूरे साल व्यक्ति के घर में धन-धान्य भरा रहता है.
5. शरद पूर्णिमा के दिन देवी लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए व्यक्ति को विशेष रूप से श्री सूक्त या फिर कनकधारा स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. मान्यता है कि इस उपाय को करने से आर्थिक दिक्कतें दूर होती हैं.
6. शरद पूर्णिमा के दिन किसी पवित्र जल तीर्थ में स्नान-दान करने का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है. हिंदू मान्यता के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन गंगा नदी में स्नान करने पर विशेष पुण्यफल की प्राप्ति होती है.
7. हिंदू मान्यता के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की रोशनी के साथ अमृत तत्व बरसता है. जिसे प्राप्त करने के लिए रात को खीर बना खुले आसमान के नीचे रखा जाता है और अगले दिन उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है. हिंदू मान्यता के अनुसार इस खीर का सेवन करने से व्यक्ति को सुख-सौभाग्य के साथ आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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