Shani Trayodashi 2022: कार्तिक मास की शनि त्रयोदशी पर बना खास संयोग, शनि देव की कृपा पाने के लिए जरूर करें ये काम

Shani Trayodashi 2022 Date: कार्तिक मास का पहला प्रदोष व्रत 22 अक्टूबर को है. इस दिन शनि प्रदोष व्रत और शनि त्रयोदशी का खास संयोग बन रहा है.

Shani Trayodashi 2022: कार्तिक मास की शनि त्रयोदशी पर बना खास संयोग, शनि देव की कृपा पाने के लिए जरूर करें ये काम

Shani Trayodashi 2022: शनि प्रदोष व्रत पर ये काम करना रहेगा शुभ.

Shani Trayodashi 2022 Date, Shubh Muhurat, Upay: कार्तिक मास का पहला प्रदोष व्रत 22 अक्टूबर, शनिवार को रखा जाएगा. हिंदू पंचांग के अनुसार, 22 अक्टूबर को कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि और शनिवार का खास संयोग बन रहा है. ऐसे में यह प्रदोष शनि त्रयोदशी के तौर पर मनाया जाएगा. ज्योतिष शास्त्र के जानकारों की मानें तो धनतेरस पर बनने वाला यह संयोग बेहद खास माना जा रहा है. ऐसे में इस दिन भगवान शिव, शनि देव, धन्वंतरि देव की पूजा की जाएगी. आइए जानते हैं कि इस दिन शनि त्रयोदशी का शुभ मुहू्र्त और महत्व क्या है और इस दिन क्या करना अच्छा रहेगा. 

कार्तिक शनि त्रयोदशी तिथि और शुभ मुहूर्त | Shani Trayodashi 2022 Date Shubh Muhurat

कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि आरंभ- 22 अक्टूबर, 2022 शाम 6 बजकर 03 मिनट
कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि समाप्त- 23 अक्टूबर, 2022 शाम 06 बजकर 03 मिनट पर 
शिव पूजा का शुभ मुहूर्त- शाम 6 बजकर 07 मिनट से रात 8 बजकर 36 मिनट तक

शनि त्रयोदशी का महत्व | Shani Trayodashi Importance

सप्ताह के दिन के हिसाब से प्रदोष व्रत अलग-अलग नामों से जाना जाता है. 22 अक्टूबर, शनिवार को पड़ने वाला प्रदोष व्रत शनि प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा. इस दिन कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी भी है. ऐसे में इसे शनि त्रयोदशी भी कहा जा रहा है. ऐसे में इस प्रदोष व्रत के प्रभाव से संतान सुख और शनि की पीड़ा से मुक्ति मिल सकती है. इसके अलावा यह व्रत नौकरी और व्यापार के लिए भी खास रहेगा. वहीं शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती के प्रभाव से छुटकारा पाने के लिए भी शनि त्रयोदशी खास है.

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शनि त्रयोदशी उपाय | Shani Trayodashi 2022 Upay

- शनि देव की कृपा पाने के लिए शनि त्रयोदशी के दिन शिवलिंग पर जल अर्पित करें. इसके साथ ही शिवलिंग पर काला तिल और नीले फूल अर्पित करें. माना जाता है कि इससे शनि की पीड़ा से मुक्ति मिल सकती है. 


- शनि त्रयोदशी के दिन व्रत रखें और इस दिन जरुरतमंदों के बीच अन्न, वस्त्र और भोजन सामग्रियों  का दान करें. इसके साथ ही इस दिन जूते और चप्पल का भी दान कर सकते हैं. मान्यता है कि इस दिन ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं, जिससे शि की पीड़ा से छुटकारा मिलता है. 


- शनि प्रदोष व्रत में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने के बाद शिव चालीसा और शिव स्तोत्र का पाठ करें और शनि देव को तेल से अभिषेक करें. इससे शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से राहत मिलती है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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