Shani Sadhe Sati: ज्योतिष शास्त्र में शनि देव (Shani Dev) को कर्म फलदाता कहा गया है. मान्यता है कि ये प्रत्येक व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं. ऐसे में जो लोग जीवन में अच्छे कर्म करते हैं, उन्हें शनि देव की कृपा प्राप्त होती है. वहीं जो जिन लोगों का कर्म अच्छा नहीं रहता, उनसे शनि देव नाराज रहते हैं, परिणामस्वरूप जीवन में अनेक प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. किसी भी कार्य में सफलता पाने के लिए बहुत अधिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है. कहा जाता है कि शनि की साढ़ेसाती (Shani Sadhe Sati), कुंडली में शनि की चाल, शनि देव की दृष्टि से जीवन की दशा और दिशा बदल जाती है. ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के अनुसार इस वक्त 3 राशियों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है. साढ़ेसाती (Sadhe Sati) के तीन चारण होते हैं जिसमें से दूसरा बेहद कष्टकारी होता है. आइए जानते हैं कि इस समय किस राशि पर शनि साढ़ेसाती का कौन का चरण चल रहा है और इससे राहत पाने के लिए कौन से उपाय करने चाहिए.
इन तीन राशियों पर चल रही है शनि की साढ़ेसाती | Shani Sadhe Sati Going on these 3 Zodiac Signs
मीन (Pisces)- ज्योतिष शास्त्र (Astrolgy) के मुताबिक इस समय मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती (Shani Sadhe Sati) चल रही है. इस राशि पर साढ़ेसाती का पहला चरण (first phase of Sadhesati) चल रहा है. दरअसल इस चरण को उदय का चरण कहा गया है. इस दौरान जॉब, करियर और व्यापार पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है. साथ ही इस दौरान सेहत और आर्थिक मामलों को लेकर भी सतर्क रहने की सलाह दी जाती है. इसके अलावा इस दौरान जोखिम भरे कार्यों से बचने के लिए भी कहा जाता है.
मकर (Capricorn)- ज्योतिष के मुताबिक इस वक्त मकर राशि पर शनि साढ़ेसाती का अंतिम चरण (Last Phase of Sadhesati) चल रहा है. ज्योतिषीय गणना के मुताबिक शनि की साढ़ेसाती का आखिरी चरण बेहद महत्व रखता है. माना जाता है कि शनि साढ़ेसाती के अन्य चरणों के मुकाबले परेशानियां कम होने लगती हैं. साथ ही शनि साढ़ेसाती का आखिरी चरण जातक को कुछ हद तक लाभ देकर जाता है.
कुंभ (Aquarius)- ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक शनि देव इस वक्त कुंभ राशि में विराजमान हैं. इस राशि पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा (Second Phase of Sadhesati) चरण चल रहा है. वैसे तो शनि साढ़ेसाती का दूसरा चरण कष्टकारी माा जाता है. लेकिन चूंकि इस राशि के स्वामी स्वयं शनि देव होते हैं, इसलिए इस राशि के लिए यह चरण अधिक कष्टदायक साबित नहीं होगा. हालांकि गलत और अनैतिक कार्यों से दूर रहना होगा, नहीं तो शनि के कोप का भाजन बनना पड़ सकता है. ज्योतिष में शनि साढ़ेसाती के दूसरे चरण को उत्कर्ष चरण माना जाता है. इसलिए इसे कष्टकारी माना जाता है.
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शनि-साढ़ेसाती के बताए गए हैं ये उपाय | Shani Sadhe Sati Upay
- शनि की साढे़साती के प्रकोप को कम करने के लिए शनिवार को शनि मंदिर में छाया दान किया जाता है.
- शनिवार के दिन जरुरतमंदों की मदद करना शनि की पीड़ा से मुक्ति दिलाता है.
- शनिवार के दिन भूखे व्यक्तियों के बीच खीचड़ी का दान करना अच्छा माना गया है.
- गरीब कन्या की शादी में सहयोग करने से भी शनि की पीड़ा से राहत मिलती है.
- शनिवार को शनि मंदिर में दशरथकृत शनि स्तोत्र का पाठ करना अच्छा माना जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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