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क्या वैशाख अमावस्या और शनि जयंती एक ही दिन है, जानिए यहां सही तिथि और मुहूर्त

इस मास में पड़ने वाली अमावस्या का विशेष महत्व होता है, जिसे न्यू मून डे (when is new moon day) के नाम से भी जाना जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं वैशाख महीने में किस तारीख को अमावस्या तिथि और शनि जयंती है. 

क्या वैशाख अमावस्या और शनि जयंती एक ही दिन है, जानिए यहां सही तिथि और मुहूर्त
इस दिन आप किसी मंदिर में पूजन सामग्री का दान भी कर सकते हैं. 

Shani Jayanti & vaishakh Amavasya date 2025 : हिन्दू धर्म में वैशाख का महीना (vaishakh month) बहुत अच्छा माना जाता है. इस दौरान मांगलिक कार्यक्रम और धार्मिक अनुष्ठान करना बहुत शुभ होता है. आपको बता दें कि वैशाख का महीना इस साल 13 अप्रैल से शुरू हो गया है. इस मास में पड़ने वाली अमावस्या का विशेष महत्व होता है, जिसे न्यू मून डे (when is new moon day) के नाम से भी जाना जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं वैशाख महीने में किस तारीख को अमावस्या तिथि और शनि जयंती है. 

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कब है वैशाख अमावस्या 2025 - When is vaishakh Amavasya 2025 - When is Vaishakh Amavasya 2025 - When is Vaishakh Amavasya

इस साल वैशाख अमावस्या 27 अप्रैल 2025 को सुबह 4 बजकर 49 मिनट पर शुरू होगी और 28 अप्रैल 2025 को सुबह 1 बजे समाप्त होगी. 

उदयातिथि पड़ने के कारण अमावस्या 27 अप्रैल को मनाई जाएगी साथ ही, इसी दिन शनि जयंती भी दक्षिण भारत में होगी.

वैशाख अमावस्या मुहूर्त - Vaishakh Amavasya Muhurta

स्नान मुहूर्त सुबह 4 बजकर 17 - सुबह 5 बजे तक होगा
चर (सामान्य) सुबह 7 बजकर 23 मिनट से सुबह 9 बजकर 01 मिनट तक होगा
लाभ (उन्नति) सुबह 9 बजकर 01 मिनट से सुबह 10 बजकर 40 मिनट तक होगा
अमृत (सर्वोत्तम) सुबह 10 बजकर 40 मिनट से दोपहर 12 बजकर 19 मिनट तक रहेगा.

वैशाख अमावस्या पर क्या करें ? What to do on Vaishakh Amavasya?

  1. इस दिन आप किसी पवित्र नदी में स्नान करें.
  2. स्नान-ध्यान के बाद जरूरतमंदों को दान करें.
  3. इस दिन आप हनुमन जी के सामने दीपक जलाएं. इस दिन आप सुंदरकांड या फिर हनुमान चालीसा का पाठ करिए.
  4. इस दिन आप किसी मंदिर में पूजन सामग्री का दान भी कर सकते हैं. 
  5. इस दिन पितरों के लिए किए जाने वाले श्राद्ध में चावल से बने पिंड का दान किया जाता है.
  6. वहीं, इस दिन चावल के ही आटे से बने सत्तू का दान करें. 
  7. वैशाख अमावस्या के दिन आप पितर तर्पण, पितर पूजा करना और दान पुण्य करना बहुत शुभ होता है. 
  8. इस दिन आप भगवान विष्णु की पूजा अर्चना कर सकते हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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