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This Article is From May 07, 2022

Saturday Shani Dev Puja Vidhi Aarti: शनिवार को इस विधि और आरती से की जाती है शनि देव की पूजा, प्रसन्न होते हैं शनि महाराज!

Saturday Shani Dev Puja Vidhi Aarti: मान्यता है कि शनि देव (Shani) इंसान को उसके द्वारा किए गए कर्मों का फल देते हैं. कहा जाता है कि जो लोग अच्छे कर्म करते हैं, उनके ऊपर शनि देव की विशेष (Shani Special Grace) कृपा दृष्टि रहती है.

Saturday Shani Dev Puja Vidhi Aarti: शनिवार को इस विधि और आरती से की जाती है शनि देव की पूजा, प्रसन्न होते हैं शनि महाराज!
Saturday Shani Dev Puja Vidhi Aarti: शनिवार का दिन शनि देव की पूजा के लिए खास होता है.

Saturday Shani Dev Puja Vidhi Aarti: हिंदू धर्म शास्त्रों में शनि देव (Shani Dev) को कर्मफल दाता कहा गया है. मान्यता है कि शनि देव (Shani) इंसान को उसके द्वारा किए गए कर्मों का फल देते हैं. कहा जाता है कि जो लोग अच्छे कर्म करते हैं, उनके ऊपर शनि देव की विशेष (Shani Special Grace)  कृपा दृष्टि रहती है. वहीं जो अच्छे कर्मों से विमुख होकर बुरे कर्म करते हैं, उन पर शनि (Shai) की क्रूर दृष्टि रहती है. शनिवार (Shanivar) का दिन शनि देव की पूजा (Shani Dev Puja) के लिए खास होता है. माना जाता है कि इस दिन शनि देव की पूजा (Shani Dev Puja Vidhi) से शनि देव (Shani Dev) प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा से बिगड़ काम बनने लगते हैं. आइए जानते हैं कि शनिवार के दिन शनि देव की पूजा किस तरह की जाती है. 


शनि देव पूजा विधि (Shani Dev Puja Vidhi) 

शनि देव की पूजा के लिए शनिवार का दिन उत्तम माना गया है. इस दिन शनि देव की पूजा करने के लिए सुबह सवेरे उठकर स्नान किया जाता है. उसके बाद किसी शनि मंदिर में जाकर शनि देव की प्रतिमा के समक्ष सरसों के तेल का दीया जलाया जाता है. साथ ही शनि देव को नीले फूल, काली उड़द, काला कपड़ा, काले तिल और सरसों का तेल अर्पित किया जाता है. फिर शनि देव को मीठी पुरी का भोग लगाया जाता है. इसके बाद काली तुलसी की माला से 'ओम् शं शनैश्चराय नम:' इस मंत्र का 108 बार जाप किया जाता है. मंत्र जाप के बाद तिल के तेल से एक चौमुख दीपक जलाया जाता है और उसके बाद शनि देव की आरती की जाती है. साथ ही हाथ जोड़कर शनि देव से परेशानियां दूर करने के लिए विनती की जाती है. जो लोग शनि मंदिर नहीं जा सकते हैं वे घर के बाहर किसी साफ स्थान पर शनि देव की तस्वीर लगाकर उपरोक्त विधि से पूजा कर सकते हैं. 

शनि आरती (Shani Aarti) 


जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी
सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी
जय जय श्री शनि देव

श्याम अंग वक्र-दृ‍ष्टि चतुर्भुजा धारी
नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी
जय जय श्री शनि देव


क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी
जय जय श्री शनि देव


मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी
जय जय श्री शनि देव


देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी
जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी

गुड मॉर्निंग इंडिया: केदारनाथ धाम के खुले कपाट, CM पुष्‍कर सिंह धामी भी पूजा में हुए शामिल

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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