Shani Dev: ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के अनुसार ये माना जाता है कि किसी भी एक ग्रह के राशि परिवर्तन का प्रभाव सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन पर किसी न किसी रूप में पड़ता है. ऐसे में जब शनि राशि परिवर्तन या फिर गोचर करते हैं तो उसका प्रभाव भी सभी 12 राशियों के जातकों पर माना जाता है. मान्यता है कि शनि देव कर्म फल दाता हैं और उन्हें न्याय का देवता भी माना जाता है. कहते हैं कि शनि देव (shani Dev) इंसान के अच्छे-बुरे कर्मों का हिसाब रखते हैं और उसके अनुसार फल देते हैं.
ज्योतिष शास्त्र (Jyotish Shastra) के मुताबिक, आगामी 29 अप्रैल को शनि देव करीब 30 सालों के बाद अपनी स्वराशि कुंभ में प्रवेश करने वाले हैं. ज्योतिष बताते हैं कि शनि के इस गोचर का असर कई सारी राशियों पर दिख सकता है. आइए जानते हैं किन-किन राशियों पर इस गोचर का प्रभाव पड़ सकता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा माना जा रहा है कि शनि देव के कुंभ राशि में गोचर करने पर दो राशियों पर शनि की ढैय्या (shani ki dhaiyya) का असर दिख सकता है. माना जा रहा है कि कर्क और वृश्चिक राशि वाले जातकों पर ढैय्या शुरू हो सकती है जोकि 12 जुलाई तक रहने की संभावना है.
ज्योतिष के अनुसार बताया जा रहा है कि 12 जुलाई से शनि वक्री अवस्था में एक बार फिर मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं. मकर राशि में प्रवेश होने पर मिथुन और तुला राशि के जातकों को शनि की ढैय्या का प्रभाव झेलना पड़ सकता है. वहीं माना जा रहा है कि 17 जनवरी 2023 तक इन्हें इस प्रभाव का सामना करना पड़ सकता है.
ज्योतिष के अनुसार 29 अप्रैल को शनि के कुंभ राशि में प्रवेश कर जाने पर मीन राशि पर साढ़ेसाती (Sade Sati) शुरू हो सकती है. वहीं बताया जा रहा है कि मकर राशि के जातकों पर इसका आखिरी चरण शुरू हो सकता है और कुंभ राशि के जातकों का दूसरा चरण शुरू हो सकता है. ऐसे में माना जा रहा है कि इन राशि के जातकों को शारीरिक कष्ट उठाने पड़ सकते हैं, कुछ काम भी बन-बिगड़ सकते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)