Sawan Shiv Puja: कोई भी पूजा बिना दीया (Diya) लगाए पूरी नहीं होती है. भगवान के समक्ष घी या तेल का दीया जरूर लगाया जाता है. जिसमें अमूमन रुई की बाती का इस्तेमाल किया जाता है, जो आप बाजार से लेकर आते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सावन (Sawan) के महीने में भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा अर्चना करने के दौरान आपको बाजार की केमिकल से बनी हुई बाती और घी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसमें केमिकल रंगों का इस्तेमाल किया जाता है और इसे सात्विक तरीके से बनाया भी नहीं जाता है. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि भगवान शिव की पूजा के दौरान आपको कैसी बाती का इस्तेमाल करना चाहिए.
भगवान शिव की पूजा में लगाएं घर की बनी बाती
मान्यताओं के अनुसार, सावन में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए बाजार की बाती का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. आप घर पर ही आसानी से घी की बाती बना सकते हैं. इसके लिए एक कटोरी देसी घी, 6 से 7 कपूर के टुकड़े लें. कपास से घर में ही 25 से 30 रुई की बाती बना लें, बस ध्यान रखें कि घी और कपास मिलावटी ना हो. अब घी को गर्म कर लें, इसमें कपूर के टुकड़े डालें, जब कपूर अच्छी तरह से घुल जाए तो एक आइस ट्रे लें. इसमें एक चम्मच घी का मिश्रण डालें, फिर इसमें रूई की बाती को डालें. इसी तरह से सारी आइस ट्रे में बाती तैयार कर लें और 30 मिनट से 1 घंटे तक इसे सेट होने दें. जब भी आप सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ को सुबह-शाम दीया लगाएं, तो इस बाती को दीपक में रखकर इस्तेमाल करें.
कलावे की बाती का करें इस्तेमाल
इसके अलावा अगर आप रुई की बाती की जगह भगवान भोलेनाथ की पूजा में दूसरी बाती का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो आप हाथ में बांधने वाले कलावे के छोटे-छोटे टुकड़े कर लें और इसे भी बाती के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं. एक मिट्टी या पीतल का दीया लें, इसमें कलावे की बाती लगाएं, ऊपर से घी डालें या सरसों के तेल का इस्तेमाल करें और भगवान शिव के समक्ष इस दीए को रखें, इससे आरती करें और भोलेनाथ का आशीर्वाद पाएं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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