Ravi Pradosh Vrat 2024: हर माह की त्रयोदशी तिथि भगवान शिव की पूजा का दिन होता है. इस दिन भक्त प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) रखकर विधि विधान से भगवान शिव (Lord Shiva) व माता पार्वती की पूजा करते हैं. चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 21 अप्रैल को है और इस दिन रविवार होने के कारण यह रवि प्रदोष व्रत ( Ravi Pradosh Vrat ) है. शिव पुराण के अनुसार प्रदोष का व्रत रखने से आरोग्य का वरदान प्राप्त होता है. इस बार 21 अप्रैल को रवि प्रदोष व्रत के दिन शिववास योग समेत कई खास योग बन रहे हैं. रवि प्रदोष व्रत को भगवान शिव की पूजा अत्यंत फलदाई होगी. आइए जानते हैं 21 अप्रैल को रवि प्रदोष व्रत के दिन बनने वाले हैं कौन-कौन से खास योग.
मुहूर्त
चैत्र माह की त्रयोदशी तिथि 20 अप्रैल को रात 10 बजकर 41 मिनट से शुरू होकर 22 अप्रैल को रात 1 बजकर 11 मिनट पर समाप्त होगी. प्रदोष व्रत 21 अप्रैल को रखा जाएगा और संध्या के समय प्रदोष काल में 6 बजकर 51 मिनट से लेकर 9 बजकर 2 मिनट तक शिव पूजा का मुहूर्त है.
बन रहे हैं शुभ योग
रवि प्रदोष व्रत के दिन पूरे दिन सर्वार्थ सिद्ध योग है. इस दिन संध्या 5 बजकर 8 मिनट से अगले दिन सुबह 5 बजकर 48 मिनट तक रवि योग है. इसी समय अमृत सिद्ध योग भी रहेगा. इस दिन सुबह 11 बजकर 54 मिनट से 12 बजकर 46 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त बन रहा है. इसके साथ ही सुबह 11 बजकर 57 मिनट तक कौलव करण योग है. इस दिन शिववास और तैतिल करण योग भी है. इस दिन भगवान शिव अपने वाहन नंदी पर विराजमान रहेंगे इसलिए शिव पूजा अत्यंत फलदाई होगी.
प्रदोष व्रत का महत्व
शिव पुराण के अनुसार प्रदोष का व्रत रखने का महत्व बताया गया है. भक्तों के प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं और इससे आरोग्य का वरदान प्राप्त होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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