![Ram Navami 2024: राम लला का सूर्य तिलक करने वाली Optomechanical तकनीक क्या है, कैसे करती है काम, जानिए यहां Ram Navami 2024: राम लला का सूर्य तिलक करने वाली Optomechanical तकनीक क्या है, कैसे करती है काम, जानिए यहां](https://c.ndtvimg.com/2024-04/f4b7frn8_ram-mandir-ayodhya_625x300_09_April_24.jpg?downsize=773:435)
Ram Navami 2024 : पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम सूर्यवंशी राजा के कुल में पैदा हुए थे और प्रतिदिन सुबह सूर्य को अर्ध्य देते थे. ऐसे में आयोध्या में राम नवमी पर प्रभु श्रीराम के बाल स्वरूप के राज तिलक की सारी तैयारियां हो गई हैं. आज दोपहर 12 बजे अभिजीत मुहूर्त में भगवान राम के मस्तक पर सूर्य की किरणें मस्ताभिषेक करेंगी. आपको बता दें कि सूर्य तिलक के लिए फिजिक्स की एक खास तकनीक ऑप्टोमैकेनिकल सिस्टम (Optomechanical System) का इस्तेमाल किया जाएगा जो सूरज की किरणों को गर्भगृह तक पहुंचाएंगी. इसके लिए रुड़की सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (CBRI- Roorkee Central Building Research Institute) के विज्ञानियों की टीम ने खास तैयारियां की हैं. आइए आपको बताते हैं कि आखिर क्या है ऑप्टोमैकेनिकल सिस्टम.
कैसे काम करेगा ऑप्टोमैकेनिकल सिस्टम
रिफ्लेक्टर, दर्पण, लेंस और पीतल पाइपगर्भगृह में स्थापित रामलला के बाल स्वरूप की प्रतिमा तक सूर्य की किरणों को पहुंचाने के लिए 1 रिफ्लेक्टर, 2 दर्पण, 3 लेंस और 8 से 9 मीटर लंबा पीतल पाइप इस्तेमाल किया गया है. बता दें कि रामनवमी की तारीख चंद्र कैलेंडर से तय होती है. ऐसे में राम लला का सूर्य तिलक समय पर हो, इसके लिए ऑप्टिकल में 19 गियर लगाए गए हैं, जो सेकंड्स में दर्पण और लेंस पर किरणों की चाल बदलेंगे.
19 गियर पर करेगा कामरिफ्लेक्टर, ये एक बड़ा बॉक्स छत पर लगा है, इसमें एक बड़ा मुख्य लेंस है जो बिना बिजली 19 गियर पर काम करेगा. ऐसे में सूर्य की किरणें दोपहर 12 बजे सबसे पहले ऊपरी तल के मिरर पर पड़ेंगी, उसके बाद तीन लेंस से होती हुई दूसरे तल के मिरर पर आपतित होंगी. अंत में सूर्य की किरणें राम लला के ललाट पर 75 मिलीमीटर के टीके के रूप में दीप्तिमान होंगी और लगभग 4 मिनट तक रहेंगी.
25 लाख श्रद्धालुउल्लेखनीय है कि अयोध्या धाम में रामनवमी पर 25 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. रामनवमी मेला के अवसर पर संपूर्ण मेला क्षेत्र को कुल 7 जोन तथा 39 सेक्टर में विभाजित किया गया है. वहीं, यातायात व्यवस्था को 2 जोन तथा 11 क्लस्टर में विभाजित कर यातायात व्यवस्था सुनिश्चित कराई जा रही है.
24X7 सुरक्षा व्यवस्थामेला के दौरान संपूर्ण मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था के लिए 11 अपर पुलिस अधीक्षक, 26 पुलिस उपाधीक्षक, 150 निरीक्षक, 400 उप निरीक्षक, 25 महिला उप निरीक्षक, 1305 मुख्य आरक्षी/आरक्षी, 270 महिला मुख्य आरक्षी/आरक्षी, 15 कंपनी पीएसी, 2 कंपनी बाढ़ राहत, 1 टीम एसडीआरएफ व 1 टीम एटीएस की अतिरिक्त ड्यूटी लगाई गई है. प्रत्येक जोन में पुलिस व्यवस्था के प्रभारी एक अपर पुलिस अधीक्षक तथा प्रत्येक सेक्टर के प्रभारी अधिकारी एक पुलिस उपाधीक्षक/निरीक्षक बनाए गए हैं. इसके अलावा, मंदिर परिसर व बाह्य संपूर्ण मेला क्षेत्र को 24X7 ड्यूटी लगाकर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाएगी.
50 स्थानों पर पीए सिस्टमराम पथ पर कुल 15 ड्रॉप डाउन बैरियर लगाकर व 13 होल्डिंग एरिया बनाकर सुरक्षित दर्शन व्यवस्था सुनिश्चित की गई है. संपूर्ण मेला क्षेत्र में 50 स्थानों पर पीए सिस्टम स्थापित किए गए हैं व विभिन्न स्थानों पर स्थापित 111 सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से येलो जोन कंट्रोल रूम से निरंतर निगरानी की जा रही है. पुलिस प्रशासन की ओर से मेले के लिए पुलिस व्यवस्था को सुव्यवस्थित ढंग से संपन्न कराने के लिए सिंचाई विभाग गेस्ट हाउस से नया घाट पुलिस चौकी तक मेला नियंत्रण कक्ष बनाया गया है.
पुलिस एवं पीएसी बल की तैनातीश्रद्धालुओं के आने वाले मार्गों मुख्यतः साकेत पेट्रोल पंप से लता चौक होते हुए सरयू घाट से हनुमानगढ़ी एवं हनुमान गढ़ी से कनक भवन व रामलला मंदिर को विभिन्न जोन एवं सेक्टर में विभाजित कर पुलिस बल का व्यवस्थापन किया जाएगा. इसके अलावा, सरयू नदी व राम की पैड़ी पर सुरक्षा के लिए जल पुलिस, विभिन्न मंदिरों व मेला क्षेत्र में पुलिस एवं पीएसी बल की व्यवस्था की जाएगी.
वाहनों की निगरानीअयोध्या धाम में चारों तरफ विभिन्न स्थानों पर 24 एएनपीआर कैमरों के माध्यम से वाहनों एवं श्रद्धालुओं की संख्या का आकलन एवं प्रोजेक्शन किया जाएगा. गोंडा सीमा पर लगाए गए कैमरों के माध्यम से वाहनों एवं श्रद्धालुओं के इनफ्लो और आउटफ्लो का एनालिसिस किया जाएगा. इसके अलावा, अयोध्या धाम में स्थापित सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से भी विभिन्न स्थलों पर भीड़ का आंकलन व विभिन्न ट्रैफिक डायवर्जन की आवश्यकता का आकलन एवं निर्णय किया जाएगा.
560 कैमरे करेंगे मॉनिटरअयोध्या धाम क्षेत्र में विभिन्न कंट्रोल रूम में स्थापित कुल 560 कैमरों के माध्यम से श्रद्धालुओं के मूवमेंट को मॉनिटर किया जाएगा. इसके साथ ही 2 टीथर्ड ड्रोन्स एवं 8 एरियल ड्रोन्स के माध्यम से विभिन्न रास्तों, गलियों व पार्किंग का रीयल टाइम एनालिसिस किया जाएगा.
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