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बारिश के कारण बहन के पास नहीं पहुंच पा रहे तो अभिजीत मुहूर्त या प्रदोष काल में इस समय बंधवाएं राखी

Raksha Bandhan Shubh Muhurat: सुबह ही नहीं बल्कि शाम के समय और रात के वक्त भी राखी बांधने का शुभ मुहूर्त बन रहा है. यहां जानिए किस-किस समय भाई की कलाई पर राखी बांधी जा सकती है.

बारिश के कारण बहन के पास नहीं पहुंच पा रहे तो अभिजीत मुहूर्त या प्रदोष काल में इस समय बंधवाएं राखी
Rakhi Bandhne Ka Shubh Muhurat: रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त कब से कब तक है?

Raksha Bandhan 2024: रक्षाबंधन का पर्व आ गया है और बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने को उत्सुक हैं. लेकिन, भाई और बहन के इस त्योहार के बीच मौसम बीच में आ रहा है. दिल्ली एनसीआर (Delhi NCR) में होने वाली झमाझम बारिश के कारण भाई बहन के घर तक या बहनें भाई के घर तक नहीं पहुंच पा रही हैं. ऐसे में सभी रक्षाबंधन के मुहूर्त (Raksha Bandhan Muhurat) को लेकर चिंतित हैं कि कहीं त्योहार पर मुहूर्त खत्म ना हो जाए. ऐसे में यहां जानिए सुबह से शाम तक रक्षाबंधन का मुहूर्त कितने बजे तक रहेगा.

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राखी बांधने का शुभ मुहूर्त दिन भर | Raksha Bandhan Shubh Muhurat All Day

आज 9 अगस्त, शनिवार के दिन रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त सुबह 5:35 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक रहेगा. यह राखी बांधने का अतिउत्तम मुहूर्त (Rakhi Badnhne Ka Shubh Muhurat) बताया जा रहा है.

अभिजीत मुहूर्त में बांधें राखी

बहनें भाई की कलाई पर अभिजीत मुहूर्त में भी राखी बांध सकती हैं. अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजे से 12:53 बजे तक रहेगा. इस शुभ मुहूर्त में भी राखी बांधी जा सकती है.

शाम के समय बन रहा है शुभ मुहूर्त

शाम के समय प्रदोष काल का शुभ मुहूर्त (Pradosh Kaal Shubh Muhurat) बन रहा है. प्रदोष काल में राखी बांधना भी बेहद शुभ होगा. इस शुभ मुहूर्त में भाई की कलाई पर राखी बांधी जा सकती है. प्रदोष काल का शुभ मुहूर्त आज शाम 7:19 बजे से रात 9:24 बजे तक है.

अगर बहन से मिल ना सकें तो कैसे मनाएं राखी

रक्षाबंधन का पर्व भाई और बहन के प्यार का पर्व है. कई बार बहनें भाई से किसी कारणवश यदि नहीं मिल पाती हैं तो वे अपने नाम की राखी भाई तक पहुंचा देती हैं. ऐसे में भाई अपनी कलाई पर उस राखी को बांधता है. अगर मौसम सही ना रहे और भाई-बहन एकदूसरे से ना मिल सकें तो वीडियो कॉल पर एकदूसरे से बात करते हुए भाई घर में खुद ही राखी बांध सकता है. देखा जाए तो रक्षाबंधन प्रेम का प्रतीक है और प्रेम की जगह अफसोस को नहीं लेनी चाहिए. एकदूसरे के साथ ना बैठकर लेकिन फोन के जरिए आमने-सामने होकर भी त्योहार मनाया जा सकता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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