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सोनम ने 'मंगल दोष' के चक्कर में पति राजा को मरवा दिया! पंड‍ित अरव‍िंद मिश्रा से जानिए कुंडली का यह दोष कितना है मान्‍य

अरविंद मिश्र बताते हैं कि आदर्श रूप से मांगलिक व्यक्ति को मांगलिक से ही शादी करना चाहिए. इससे दोनों साथ में मिलकर नकारात्मक प्रभावों को दूर करके सुखी वैवाहिक जीवन जी सकते हैं.

सोनम ने 'मंगल दोष' के चक्कर में पति राजा को मरवा दिया! पंड‍ित अरव‍िंद मिश्रा से जानिए कुंडली का यह दोष कितना है मान्‍य
कई बार मांगलिक व्यक्ति ढूंढने में परेशानी होती है जिसके कारण लोग गैर मांगलिक से शादी कर देते हैं जिसके कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता है. 

Manglik dosh kya hai : मांगलिक दोष को लेकर हिन्दू समाज हमेशा परेशान रहता है. खास तौर पर तब जब कन्या की कुंडली में यह दोष होता है. क्योंकि इससे विवाह में बहुत कठिनाई आती है. मांगलिक की शादी मांगलिक के साथ ही हो सकती है. अगर मांगलिक दोष वाले की शादी गैर मांगलिक व्यक्ति से कर दी जाए तो विवाह में बहुत परेशानी आती है. कन्या की जन्म कुंडली में मांगलिक दोष से पुनर्विवाह, पति-पत्नी में झगड़े के कारण तलाक, पति के साथ दुर्घटना, आर्थिक तौर पर पुरुष पर निर्भरता जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. 

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क्या होता है मांगलिक दोष

इस बारे में बात करते हुए ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र बताते हैं कि मंगल ग्रह शक्ति, उत्साह व पराक्रम प्रदान करने वाला ग्रह है. इसके अशुभ होने पर व्यक्ति उत्साह हीन अकर्मण्य हो जाता है.  मंगल तामसिक ग्रह है. वह विशेष स्थिति के कारण जातक की काम वासना बढ़ा देता है जिससे जातक कामुक हो जाता है. दूसरा मंगल दुर्घटना का भी प्रतीक है. मारकत्व प्राप्त होने पर मृत्यु भी दे सकता है इत्यादि. 

जब कुंडली में मंगल पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में होता है तो मांगलिक दोष होता है. इसमें सातवां भाव विवाह का होता है. इसके कारण विवाह में कई तरह की परेशानी आती है. इसलिए मंगल दोष निवारण के लिए वर व कन्या की कुंडली का मिलान करना बहुत जरूरी है. यदि दोनों मंगली है तो विवाह में कोई बाधा नहीं है. 

अरविंद मिश्र यह भी बताते हैं कि आजकल लोग नाम का मिलान करके कुंडली मिलान करवाते हैं, जो कि गलत तरीका है. विवाह के लिए कुंडली का मिलान हमेशा जन्म कुंडली के नाम से ही करनी चाहिए. उसके हिसाब से विवाह तय करना चाहिए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि विवाह के लिए जो मुहूर्त निकला है उसी अवधि में फेरे संपन्न कराने चाहिए. इससे कभी भी वैवाहिक जीवन में परेशानी नहीं आएगी. 

क्या मांगलिक किसी गैर मांगलिक से शादी कर सकता है

अरविंद मिश्र बताते हैं कि आदर्श रूप से मांगलिक व्यक्ति को मांगलिक से ही शादी करना चाहिए. इससे दोनों साथ में मिलकर नकारात्मक प्रभावों को दूर करके सुखी वैवाहिक जीवन जी सकते हैं. लेकिन गैर मांगलिक व्यक्ति से शादी करके विवाह में परेशानी आ सकती है. इसलिए सही मायने में मांगलिक को मांगलिक से ही विवाह करना चाहिए. 

कई बार मांगलिक व्यक्ति ढूंढने में परेशानी होती है जिसके कारण लोग गैर मांगलिक से शादी कर देते हैं, जिसके कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता है. 


 

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