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Matri Navami Shradh 2025: मातृ नवमी पर दिवंगत माताओं की मुक्ति के लिए जानें क्या करें और क्या न करें

Matri Mavami 2025 Shradh: सनातन परंपरा में पितृपक्ष के 16 दिनों में मातृ नवमी के श्राद्ध का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है क्योंकि इस दिन दिवंगत महिलाओं के लिए श्राद्ध, तर्पण आदि किया जाता है. आज मातृ नवमी का श्राद्ध करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, जानने के लिए पढ़ें ये लेख.

Matri Navami Shradh 2025: मातृ नवमी पर दिवंगत माताओं की मुक्ति के लिए जानें क्या करें और क्या न करें
Matra Navami Shradh 2025: पितृपक्ष में मातृ नवमी का श्राद्ध कैसे करें.
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Matri Mavami 2025 Shradh: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष को पितरों की पूजा या फिर कहें उनके प्रति श्रद्धा और कृतज्ञता प्रकट करने का महापर्व माना गया है. इसे महालय के नाम से भी जानते हैं. पितृपक्ष में भाद्रपद पूर्णिमा से लेकर आश्विन मास की अमावस्या तक प्रत्येक तिथि पर दिवंगत लोगों का श्राद्ध करने का विधान है. हिंदू मान्यता के अनुसार पितृ पक्ष में पड़ने वाली नवमी तिथि दिवंगत माताओं के श्राद्ध के लिए समर्पित है. इसी कारण से इसे मातृ नवमी का श्राद्ध भी कहते हैं. आइए जानते हैं कि आज दिवंगत माताओं का आशीर्वाद पाने के लिए कब और कैसे श्राद्ध करना चाहिए.

मातृ नवमी का श्राद्ध कैसे करें

यदि आज मातृ नवमी पर अपने परिवार की किसी दिवंगत महिला का श्राद्ध करने जा रहे हैं तो आपको सबसे पहले स्नान ध्यान करने के बाद पितृ पूजा का सारा सामान इकट्ठा करके पास में रख लेना चाहिए ताकि पितरों की पूजा करते समय आपको बार-बार न उठना पड़े. इसके बाद एक चौकी पर सफेद कपड़ा बिछाकर दिवंगत महिला का चित्र रखें. यदि ​आपके पास दिवंगत महिला सदस्य का चित्र न हो तो उसकी जगह एक सुपारी को रख सकते हैं.

इसके बाद उस पर गंगाजल छिड़कें और उन्हें सफेद पुष्प अर्पित करने के बाद तिल का दीपक जलाएं. दिवंगत महिला के लिए काले तिल और जल से ​तर्पण दक्षिण दिशा की ओर मुख करके करें. तर्पण करते समय जनेउ दाएं कंधे पर रखें. आज दिवंगत महिलाओं की मुक्ति के लिए गजेंद्र मोक्ष का पाठ करें. मातृ नवमी को यदि संभव हो तो किसी ब्राह्मण की पत्नी को बुलाकर भोजन कराना चाहिए. यदि वो न मिल तो आप किसी ब्राह्मण को आदर के साथ बुलाकर भोजन कराएं तथा उन्हें सामर्थ्य के अनुसार दान और दक्षिणा दें.

मातृ नवमी पर भूलकर न करें ये काम

  • मातृ नवमी के दिन श्राद्ध कर्ता को भूलकर भी क्रोध नहीं करना चाहिए.
  • मातृ नवमी का श्राद्ध करने वाले व्यक्ति को अपने घर की दिवंगत महिलाओं को बुरा-भला नहीं कहना चाहिए.
  • मातृ नवमी का श्राद्ध करने वाले व्यक्ति को पूरे दिन नियम-संयम से रहते हुए सिर्फ सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए. इस दिन तामसिक चीजों का भूल कर भी सेवन न करें.
  • मातृ नवमी के दिन भूलकर भी किसी के लिए मन में बुरा विचार न लाएं और ब्रह्मचर्य का पालन करें.
  • मातृ नवमी के दिन माता समाना महिलाओं का भूलकर भी अपमान या अनादर नहीं करना चाहिए.
  • मातृ नवमी के दिन यदि कोई पशु-पक्षी या अतिथि आए तो अनादर न करें बल्कि उसे यथासंभव भोजन आदि से संतुष्ट करके भेजना चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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