
Pitru paksh 2025 : हिंदू धर्म में श्राद्ध पक्ष का विशेष महत्व होता है. इसकी शुरुआत भाद्रपद की पूर्णिमा तिथि से शुरू होती है और समापन अश्विन मास की अमावस्या को. आपको बता दें कि 15 दिन का श्राद्ध पक्ष पितरों के तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध के लिए समर्पित होता है. मान्यता है इस दौरान पितरों का तर्पण करने से घर परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. इस साल भाद्रपद की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 7 सितंबर रात 1 बजकर 41 मिनट से शुरू हो रही है और समापन 21 सितंबर को रात 11 बजकर 38 मिनट पर हो रहा है. यानी 7 सितंबर दिन रविवार से पितृ पक्ष शुरू हो जाएगा, जो अश्विन अमावस्या 21 सितंबर को समाप्त होगा.
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आपको बता दें कि श्राद्ध पक्ष की जो अवधि होती है, वह हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखती है, ऐसे में आपको इस दौरान कुछ जरूरी बातें हैं जिन्हें ध्यान में रखना बहुत जरूरी है अन्यथा आपके पितर रूष्ट हो सकते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य डॉ० अरविन्द मिश्र से पितर पक्ष के दौरान क्या चीजें नहीं खरीदनी चाहिए, साथ ही क्या काम करें और क्या नहीं...
पितर पक्ष में क्या करें या क्या नहीं
डॉ० अरविन्द मिश्र बताते हैं कि हम पूरे साल अपने सभी काम पूरा करने में लगे रहते हैं. इसलिए शास्त्रों में कुछ समय अपने पूर्वजों को याद करने और उनके निमित्त कुछ पूजा पाठ करने के लिए श्राद्ध पक्ष का विधान किया गया है. पितृपक्ष में सभी शुभ कार्य विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश अन्य मंगलकारी काम वर्जित हैं.
पितृपक्ष में ईश्वर भक्ति कथा भागवत भगवान नाम जप आदि करने का विधान है. इस दौरान अपने पितरों की मृत्यु तिथि के दिन ब्राह्मण को भोजन करना चाहिए. जिससे उनकी आध्यात्मिक उन्नति एवं सद्गति हो सके और वह आपसे प्रसन्न रहें. पितृपक्ष में कौवे, कुत्ते, चिड़ियों और गौ माता के लिए प्रतिदिन भोजन निकालना चाहिए.
श्राद्ध पक्ष अथवा पितृपक्ष के पीछे सामाजिक अथवा वैज्ञानिक कारण भी है. दरअसल, वर्षा ऋतु के दौरान जगह-जगह जल भराव हो जाता है. जीव जंतु कीड़े-मकौड़े के बिलों में पानी भरने से बाहर आ जाते हैं और बरसात के कारण छोटे-छोटे पौधे भी उग आते हैं.
हमारे ऋषि मुनियों का यह मानना था कि यदि पितृपक्ष में हम अपने विवाह आदि शुभ कार्य करेंगे तो आवागमन होगा. जिससे इन कीड़े-मकौड़े को परेशानी होगी और नवीन पौधे नष्ट हो जाएंगे. साथ ही, मनुष्य को भी जल में डूबने से अथवा सांप आदि कीड़े मकोड़े द्वारा हानि हो सकती है. साथ ही भोजन आदि में भी कीड़े मकौड़े गिर सकते हैं, जिससे बड़ी जनहानि अथवा धन हानि हो सकती है. इसलिए तीर्थ यात्रा , विवाह आदि आवागमन इस दौरान निषेध होता है.
पितृ पक्ष में आप सरसों का तेल, नमक और झाड़ू भूलकर भी ना खरीदें. इन तीन चीजों को श्राद्ध पक्ष में खरीदना अशुभ माना जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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