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Navratri 2025 Kanya Pujan: कन्या पूजन में 9 लड़कियों के साथ एक लड़के की पूजा क्यों होती है?

Navratri Kanjak Puja 2025: नवरात्रि के आखिरी दो दिन अष्टमी और नवमी पर 09 कन्याओं को घर में बुलाकर उनकी पूजा करने का विधान है. हिंदू मान्यता के अनुसार नवदुर्गा का स्वरूप मानी जाने वाली इन 09 कन्याओं के साथ आखिर एक लड़के को बुलाकर क्यों पूजा जाता है, जानने के लिए पढ़ें ये लेख. 

Navratri 2025 Kanya Pujan: कन्या पूजन में 9 लड़कियों के साथ एक लड़के की पूजा क्यों होती है?
Navratri Kanya Pujan : नवरात्रि में 9 कन्याओं संग एक लड़के की क्यों पूजा होती है?

Navratri 205 Kanya Pujan me ladka kyon hota hai: नवरात्रि की शक्ति पूजा में अष्टमी और नवमी तिथि के दिन की जाने वाली कन्या, कंजक या फिर कहें कुमारिका पूजन का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है. नवरात्रि की साधना का पूर्ण फल देने वाली इस पूजा में 09 कन्याओं को बुलाने का विधान है. हिंदू मान्यता के अनुसार ये 09 कन्याएं देवी दुर्गा के 09 स्वरूप और 09 कामनाओं का प्रतीक होती हैं. पौराणिक मान्यता के अनुसार बगैर कन्या पूजन के नवरात्रि की पूजा सफल नहीं होती है, लेकिन सवाल उठता है कि आखिर इन 09 कन्याओं के साथ एक लड़के को बुलाकर क्यों पूजा जाता है? आइए कन्या पूजन से जुड़ी इस परंपरा के पीछे का धार्मिक महत्व जानते हैं.

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कंजक के साथ कौन होता है एक लड़का?

हिंदू मान्यता के अनुसार नवरात्रि के आखिरी दो दिनों में कंजक पूजा में एक लड़के को बुलाए जाने की परंपरा है, जिसे देवी लंगूर, लांगुरिया या फिर बटुक कहा जाता है. हिंदू मान्यता के अनुसार यह लड़का भगवान भैरव का प्रतीक होता है. जिस तरह देश के तमाम शक्तिपीठों और सिद्धपीठ पर देवी के दर्शन भैरव बाबा के दर्शन के बगैर अधूरे माने जाते हैं, कुछ उसी तरह कन्या पूजन भी बगैर एक लड़के के अधूरी मानी जाती है. कुछेक घरों में एक की बजाय दो लड़के को हनुमान जी या फिर भगवान गणेश मानकर पूजा जाता है. 

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9 कन्याओं के साथ समान रूप से होती है पूजा 

मान्यता है कि भगवान भैरव देवी के सभी पीठों की रक्षा करते हैं. यही कारण है कि नवरात्रि में देवी दुर्गा के 09 स्वरूप मानी जाने वाली कन्याओं के साथ बड़ी श्रद्धा के साथ लोग एक बालक को बुलाते हैं. 09 कन्याओं की तरह इस बालक को भी एक दिन पूर्व आदरपूर्वक आमंत्रित किया जाता है और उनके समान ही भोजन प्रसाद खिलाने के बाद आशीर्वाद लेने के बाद उपहार, धन आदि देकर विदा किया जाता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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