
Maa Kushmanda Ki Aarti Hindi Day 4 Navaratri 2025: सनातन परंपरा में कोई भी पूजा बगैर आरती के नहीं पूरी होती है. हिंदू मान्यता के अनुसार देवी-देवताओं की पूजा में आरती सभी गलतियों और कमियों को दूर करके आपकी पूजा को पूर्णता प्रदान करती है. ऐसे में यदि आप आज शारदीय नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा (Maa Kushmanda) की पूजा करने जा रहे हैं तो आपको देवी की कृपा बरसाने वाली और पूजा का पूर्ण फल दिलाने वाली मां कूष्मांडा की आरती विधि-विधान से करनी चाहिए. आइए पढ़तें हैं मां की आरती और उसे करने की पूरी विधि.
मां कूष्मांडा की आरती (Maa Kushmanda Ki Aarti)
कूष्मांडा जय जग सुखदानी.
मुझ पर दया करो महारानी॥
पिगंला ज्वालामुखी निराली.
शाकंबरी माँ भोली भाली॥
लाखों नाम निराले तेरे .
भक्त कई मतवाले तेरे॥
भीमा पर्वत पर है डेरा.
स्वीकारो प्रणाम ये मेरा॥
सबकी सुनती हो जगदंबे.
सुख पहुँचती हो माँ अंबे॥
तेरे दर्शन का मैं प्यासा.
पूर्ण कर दो मेरी आशा॥
माँ के मन में ममता भारी.
क्यों ना सुनेगी अरज हमारी॥
तेरे दर पर किया है डेरा.
दूर करो माँ संकट मेरा॥
मेरे कारज पूरे कर दो.
मेरे तुम भंडारे भर दो॥
तेरा दास तुझे ही ध्याए.
भक्त तेरे दर शीश झुकाए॥
मां कूष्मांडा की आरती कैसे करें | How to do Maa Kushmanda Aarti
नवरात्रि में देवी दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की आरती सुबह और शाम दोनों समय करनी चाहिए.
मां कूष्मांडा की आरती उनकी विधि-विधान से पूजा करने के बाद सबसे अंत में खड़े होकर करें.
देवी की आरती शुद्ध घी के बने दीये, कपूर, धूप आदि से करें.
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आप अपनी श्रद्धा और सुविधा के अनुसार उनकी एक अथवा पांच या फिर सात बाती वाली दीये से आरती कर सकते हैं.
आरती करने के बाद दीया में पानी फेर लें और उसके बाद माता को दिखाने के बाद पहले आप आरती लें फिर सभी को आरती लेने के लिए आगे बढ़ाएं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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