Navratri 2021: नवरात्र में क्यों जलाते हैं अखंड ज्योति, जानिये मंत्र व शुभ मुहूर्त

साल में मुख्य तौर पर दो नवरात्रि मनाई जाती है. अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की पड़ने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि अगर भक्‍त संकल्‍प लेकर नवरात्रि में अखंड ज्‍योति प्रज्‍वलित करे और उसे पूरी भक्ति से जलाए रखे तो देवी प्रसन्‍न होती हैं

Navratri 2021: नवरात्र में क्यों जलाते हैं अखंड ज्योति, जानिये मंत्र व शुभ मुहूर्त

Navratri 2021: नवरात्रि में अखंड ज्योति प्रज्वलित करने का है खास महत्‍व

खास बातें

  • नवरात्रि में अखंड ज्योति प्रज्वलित करने का है खास महत्‍व, जानें इसके नियम
  • नवरात्र में जलाते हैं अखंड ज्योति, जानें इससे संबंधित काम की जरूरी बातें
  • नवरात्रि में जलाने जा रहे हैं अखंड ज्योति, तो पहले जान लें ये जरूरी बातें
नई दिल्ली:

नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा का आर्शीवाद पाने के लिए अखंड ज्‍योति (Akhand Jyoti) प्रज्‍वलित करने का अपना एक खास महत्‍व है. माना जाता है कि यह देवी मां की कृपा पाने का सबसे अच्‍छा तरीका होता है. इससे मां दुर्गा (Maa Durga) भक्‍तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. नवरात्रि शुरू होने के पहले दिन ही कलश स्‍थापित होने के बाद इसे जलाई जाती है और अपने मन में देवी के प्रति समर्पण और भक्ति को दर्शाया जाता है. यह तन और मन में अंधकार को दूर करने का प्रतीक होता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि साल में वैसे तो मुख्य तौर पर दो नवरात्रि मनाई जाती है. चैत्र मास में पड़ने वाले नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि कहते हैं और अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की पड़ने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहा जाता है. अखंड ज्‍योति को नवरात्रि (Navratri) में प्रज्‍वलित करने के अपने नियम होते हैं. यह पूरे नौ दिन बिना बुझे जलाए जाने का प्रावधान होता है. मान्यता है कि अखंड दीपक जलाकर पूजा करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है और मां दुर्गा का आशीर्वाद पूरे परिवार पर बना रहता है. बहुत से लोग अखंड ज्योति प्रज्वलित तो कर लेते हैं, लेकिन कुछ बातों पर ध्यान न देने के कारण इस पुण्य कार्य का पूरा फल नहीं मिल पाता है.

नवरात्रि के नौ दिन की तिथियां

  • 7 अक्टूबर, गुरूवार - प्रतिपदा घटस्थापना और मां शैलपुत्री पूजा.
  • 8 अक्टूबर, शुक्रवार -द्वितीय मां ब्रह्मचारिणी पूजा.
  • 9 अक्टूबर, शनिवार - तृतीया और चतुर्थी मां चंद्रघंटा पूजा और मां कुष्मांडा पूजा.
  • 10 अक्टूबर, रविवार - पंचमी मां स्कंदमाता पूजा.
  • 11 अक्टूबर, सोमवार - षष्ठी मां कात्यायनी पूजा.
  • 12 अक्टूबर, मंगलवार - सप्तमी मां कालरात्रि पूजा.
  • 13 अक्टूबर, बुधवार -अष्टमी मां महागौरी पूजा.
  • 14 अक्टूबर, बृहस्पतिवार -नवमी मां सिद्धिदात्री पूजा.
  • 15 अक्टूबर,शुक्रवार -दशमी नवरात्रि पारण/दुर्गा विसर्जन.
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Navratri 2021: नवरात्र में जलाते हैं अखंड ज्योति, जानें इससे संबंधित काम की जरूरी बातें 

अखंड ज्‍योति जलाने के नियम

  • इस बात का खास ख्याल रखें कि अखंड ज्योति जमीन की बजाय किसी लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़े बिछाकर रखकर जलाएं.
  • ज्योति को रखने से पहले इसके नीचे अष्टदल बनाना ना भूलें.
  • अखंड ज्योति को गंदे हाथों से भूलकर भी ना छूएं.
  • अखंड ज्योति को कभी अकेले या पीठ दिखाकर नहीं जायें.
  • अखंड ज्योति जलाने के लिए शुद्ध देसी घी का प्रयोग करें. आप चाहें तो तिल का तेल या फिर सरसों का तेल भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
  • अगर आप घर में अखंड ज्योति की देखभाल नहीं कर सकते हैं तो आप किसी मंदिर में देसी घी अखंड ज्योति के लिए दान करें.
  • अखंड ज्योति के लिए रूई की जगह कलावे का इस्तेमाल करें. कलावे की लंबाई इतनी हो कि ज्योति नौ दिनों तक बिना बुझे जलती रहे.
  • अखंड ज्‍योति जलाते समय मां दुर्गा, शिव और गणेश को ध्‍यान में रखें और 'ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु‍ते।' का जप करें.
  • अखंड ज्योति को मां दुर्गा के दाईं ओर रखा जाना चाहिए. अगर दीपक में सरसों का तेल है तो देवी के बाईं ओर रखें.
  • ख्याल रखें कि नवरात्रि समाप्त होने पर इसे स्वंय ही समाप्त होने दें कभी भी बुझाने का प्रयास ना करें.

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