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December 2024 Vrat Tyohar : कब है दिसंबर के महीने में मोक्षदा एकादशी का व्रत, जानें यहां पूजा मुहूर्त, विधि और महत्व

Mokshada Ekadashi significance : मोक्षदा एकादशी को लेकर मान्यता है कि यह व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. ऐसे में आइए जानते हैं पूजा मुहूर्त, विधि और महत्व.

December 2024 Vrat Tyohar : कब है दिसंबर के महीने में मोक्षदा एकादशी का व्रत, जानें यहां पूजा मुहूर्त, विधि और महत्व
Mokshada Ekadashi Vrat 2024 : उपवास करने से पहले दशमी तिथि को दोपहर में एक बार भोजन करिए.

Mokshada Ekadashi vrat 2024 : मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष (shukla paksha) की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी और बैकुंठ एकादशी (baikunth ekadashi) के नाम से जानते हैं. इस दिन व्रत करने के साथ लोग मौन रहने का नियम भी अपनाते हैं, इसलिए इसे मौनी एकादशी भी कहते हैं. इस साल मोक्षदा एकादशी 11 दिसंबर 2024, बुधवार को है. मोक्षदा एकादशी को लेकर मान्यता है कि यह व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. ऐसे में आइए जानते हैं पूजा मुहूर्त, विधि और महत्व.

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 एकादशी तिथि पूजा मुहूर्त 2024 - Ekadashi Tithi Puja Muhurt

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, मार्गशीष माह (MARGSHIRSH MAAH) के शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी तिथि 11 दिसंबर 2024 को सुबह 3:42 मिनट से शुरू होगी जिसका समापन अगले दिन 12 दिसंबर 2024 को रात 01:09 मिनट पर होगी. 

मोक्षदा एकादशी व्रत पूजा विधि - Mokshada Ekadashi Vrat Puja Vidhi

  • उपवास करने से पहले दशमी तिथि को दोपहर में एक बार भोजन करिए.
  • मोक्षदा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें.
  • साफ कपड़े पहनकर भगवान का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लीजिए. 
  • इसके बाद भगवान गणेश की पूजा करें और फिर लक्ष्मी माता के साथ श्री हरि की पूजा करिए.
  • वहीं, भगवान को धूप, दीप और नैवेद्य, रोली, कुमकुम अर्पित करें.
  • द्वादशी के दिन पूजा के बाद गरीब और जरूरतमंद को भोजन कराएं और दान-दक्षिणा दीजिए
  • इस दिन दान पुण्य करने से जीवन में सुख शांति बनी रहती है.
  • इसके बाद आप भोजन करिए.

मोक्षदा एकादशी महत्व - Mokshada Ekadashi significance

शास्त्रों के अनुसार, मोक्षदा एकादशी के दिन पूर्वज अपने पिछले पापों से मुक्ति पाने के लिए बैकुंठ धाम चले जाते हैं. इस दिन पूर्वज अपने परिवार को अन्न-धान्य का आशीर्वाद देते हैं. यह व्रत करने से यश की प्राप्ति होती है और जीवन में अपार खुशियां आती हैं. मान्यता यह भी है कि एकादशी उपवास करने से व्रती भक्तों के बैकुंठ धाम के द्वार भी खुलते हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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