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कब है पौष माह की मासिक शिवरात्रि, जानिए इस वर्ष की अंतिम Masik Shivratri की तिथि और पूजा विधि

Masik Shivratri Date: मान्यतानुसार मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव का पूजन करने पर घर-परिवार में खुशहाली आती है और वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है.

कब है पौष माह की मासिक शिवरात्रि, जानिए इस वर्ष की अंतिम Masik Shivratri की तिथि और पूजा विधि
Masik Shivratri Puja: जानिए किस तरह की जाती है मासिक शिवरात्रि की पूजा संपन्न.

Masik Shivratri: हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत का बहुत महत्व होता है. वर्ष के प्रत्येक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा के लिए समर्पित है और इस दिन भक्त मासिक शिवरात्रि का व्रत रखते हैं. यह भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना के लिए महत्वपूर्ण तिथि होती है. मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने और विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा से प्रभु की असीम कृपा प्राप्त होती है और इस व्रत से विवाह में आ रही बाधाएं समाप्त होती हैं. इसके साथ ही इस व्रत से भक्तों को आध्यात्मिक शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है. शिव भक्तों के लिए मासिक शिवरात्रि का व्रत अत्यंत महत्वपूर्ण होता है. पौष माह शुरू हो चुका है. इस माह में इस साल का अंतिम मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा. जानिए किस दिन है साल की आखिरी मासिक शिवरात्रि और किस तरह मासिक शिवरात्रि की पूजा की जाती है संपन्न. 

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पौष माह में मासिक शिवरात्रि

पंचांग के अनुसार, 29 दिसंबर, रविवार को सुबह 3 बजकर 32 मिनट से पौष माह (Paush Month) में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि शुरू होगी और 30 दिसंबर सोमवार को सुबह 4 बजकर 1 मिनट तक रहेगी. पौष माह की शिवरात्रि का व्रत 29 दिसंबर, रविवार को रखा जाएगा. 

मासिक शिवरात्रि पूजा विधि

मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने वाले शिव भक्तों को इस दिन प्रातः काल जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद भगवान शिव का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प करना चाहिए. सूर्यदेव को अर्घ्य देने के बाद पूजा वाली जगह पर भगवान शिव और माता पार्वती (Mata Parvati) के चित्र की स्थापना करनें और शिवलिंग का कच्चे दूध और गंगाजल से अभिषेक करें. भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा और भांग अर्पित करें और माता पार्वती को सुहाग सामग्री अर्पित करें. दीया जलाकर भगवान शिव की आरती करें और शिव चालीसा का पाठ करें. भगवान शिव और माता पार्वती को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाकर सभी में प्रसाद बांटा जाता है.

मासिक शिवरात्रि का महत्व

भविष्य पुराण के अनुसार भगवान शिव की भक्ति में मासिक शिवरात्रि व्रत का बहुत महत्व है. मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की के साथ-साथ शिव परिवार के सभी सदस्यों की पूजा-अर्चना फलदयी होती है. इस दिन की पूजा कर भक्त भगवान शिव से जीवन में सुख-शांति की कामना करते हैं. मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि को शिवालय या घर के पूर्व भाग में बैठकर शिव मंत्रों का जाप करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है. मासिक शिवरात्रि की पूजा (Masik Shivratri Puja) के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए. इस व्रत को करने से विवाह में आ रही बाधाएं समाप्त हो जाती हैं और मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति होती है. इस दिन गंगाजल और शहद से शिवलिंग का अभिषेक करने से विवाह के योग बनने लगते हैं.

इन मंत्रों का करें जाप

ॐ न्यग्रोधरूपाय नमः

ॐ न्यग्रोधाय नमः,

ॐ वृक्षकर्णस्थितये नमः,

ॐ विभवे नमः,

ॐ सुतीक्ष्णदशनाय नमः,

ॐ महाकायाय नमः,

ॐ महाननाय नमः,

ॐ विश्वकसेनाय नमः,

ॐ हरये नमः,

ॐ यज्ञाय नमः,

ॐ संयुगापीडवाहनाय नमः,

ॐ तीक्ष्णतापाय नमः,

ॐ हर्यश्वाय नमः,

ॐ सहायाय नमः,

ॐ कर्मकालविदे नमः,

ॐ विष्णुप्रसादिताय नमः,

ॐ यज्ञाय नमः,

ॐ समुद्राय नमः,

ॐ वडमुखाय नमः,

ॐ हुताशनसहायाय नमः,

ॐ प्रशान्तात्मने नमः,

ॐ हुताशनाय नमः,

ॐ उग्रतेजसे नमः

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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