Makar Sankranti 2021: मकर संक्रांति को क्यों कहा जाता है 'ख‍िचड़ी' का पर्व? जानिए किस राज्य में कैसे मनाया जाता है यह त्योहार

Happy Makar Sankranti 2021:  हमारे देश में मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के पर्व का व‍िशेष महत्‍व है. इस त्योहार को हर साल जनवरी के महीने में धूमधाम से मनाया जाता है.

Makar Sankranti 2021: मकर संक्रांति को क्यों कहा जाता है 'ख‍िचड़ी' का पर्व? जानिए किस राज्य में कैसे मनाया जाता है यह त्योहार

Makar Sankranti (Khichdi) : मकर संक्रांति को क्यों कहा जाता है 'ख‍िचड़ी' का पर्व?

नई दिल्ली:

Happy Makar Sankranti 2021:  देशभर में मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के पर्व का व‍िशेष महत्‍व है. इस त्योहार को हर साल जनवरी के महीने में धूमधाम से मनाया जाता है. इस द‍िन सूर्य उत्तरायण होता है यानी कि पृथ्‍वी का उत्तरी गोलार्द्ध सूर्य की ओर मुड़ जाता है. मान्यता है कि इस द‍िन सूर्य मकर राश‍ि में प्रवेश करता है. देश के व‍िभिन्‍न राज्‍यों में इस पर्व को अलग-अलग नामों से जाना जाता है. उत्तर प्रदेश में इसे खिचड़ी (Khichdi), उत्तराखंड में घुघुतिया (Ghughutiya) या काले कौवा (Kale Kauva), असम में बिहू  (Bihu) और दक्षिण भारत में इसे पोंगल (Pongal) के रूप में मनाया जाता है.  हालांकि प्रत्‍येक राज्‍य में इसे मनाने का तरीका अलग होता है, लेकिन सब जगह सूर्य की उपासना जरूर की जाती है. इस साल मकर संक्रांति 14 जनवरी को है. 

मकर संक्रांति को 'ख‍िचड़ी' का पर्व क्यों कहा जाता है?
उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में इस त्योहार को 'ख‍िचड़ी' (Khichdi) कहा जाता है, क्योंकि इस दिन खिचड़ी (Khichdi 2021) बनाने, खाने और दान करने खास होता है. 

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मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाने का महत्व
मान्यता है कि चंद्रमा का प्रतीक चावल को माना जाता है, काली उड़द की दाल को शनि का और हरी सब्जियां बुध का प्रतीक होती है. कुंडली में ग्रहों की स्थिती मजबूत करने के लिए कहा जाता है कि मकर संक्रांति पर खिचड़ी खानी चाहिए. इसलिए इस मौके पर चावल, काली दाल, नमक, हल्दी, मटर और सब्जियां डालकर खिचड़ी बनाई जाती है. 

उत्तर प्रदेश 
उत्तर पदेश में मकर संक्रांति को 'खिचड़ी' (Khichdi) कहा जाता है. इस द‍िन तीर्थ स्‍थानों व‍िशेषकर बनारस और इलाहाबाद के घाटों में स्‍नान कर सूर्य की पूजा की जाती है. जो लोग घाट नहीं जा पाते हैं, वे लोग घर पर ही स्‍नान करते हैं. इस द‍िन नहाना बहुत जरूरी माना जाता है. नहाने के बद तिल और गुड़ का प्रसाद ग्रहण किया जाता है. इस द‍िन चावल और दाल की खिचड़ी खाई और दान की जाती है.

बिहार और झारखंड 
बिहार और झारखंड में 14 जनवरी को मक्रात या 'ख‍िचड़ी' के रूप में मकर संक्रांति का त्‍योहार मनाया जाता है. बाकि राज्‍यों की तरह यहां भी स्‍नान कर सूर्य की उपासना की जाती है. साथ ही दही-चूड़ा, तिल-गुड़ से बने खाद्य पदार्थों और मौसमी सब्‍जियों का नाश्‍ता क‍िया जाता है. वहीं अगले द‍िन यानी कि 15 जनवरी को मक्रात मनाई जाती है. मक्रात के द‍िन दाल-चावल, गोभी, मटर और आलू से बनी ख‍िचड़ी खाई जाती है.

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मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मकर संक्रांति के दिन बिहार और उत्तर प्रदेश की ही तरह खिचड़ी और तिल के लड्डू खाने की परंपरा है. यहां के लोग इस दिन गुजिया भी बनाते हैं.
 

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